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Haryana पुलिस में ये क्या हो रहा है? एक और अधिकारी ने की आत्महत्या, डीजीपी ने बताई बड़ी वजह!

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हरियाणा में पहले आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार और अब एएसआई संदीप की मौत की खबर सामने आई है। सबसे बड़ी बात ये है कि दोनों मामलों के तार आपस में जुड़े हुए लग रहे हैं। इन दोनों मामलों पर प्रतिक्रिया देते हुए हरियाणा के डीजीपी ओपी सिंह ने सोशल मीडिया की कहानियों और हकीकत के बीच के अंतर को उजागर किया। उन्होंने पुलिस बल को लेकर कहा, "आजकल दो दुनिया हैं- सोशल मीडिया और असली दुनिया। किसी का मनोबल नहीं टूटा, कुछ नहीं हुआ।"

एएसआई संदीप लाठर की मौत
डीजीपी की यह टिप्पणी रोहतक के एएसआई संदीप लाठर की मौत के बाद आई है जिन्होंने दिवंगत आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। पत्रकारों से बात करते हुए डीजीपी सिंह ने कहा, "आजकल दो दुनिया हैं सोशल मीडिया और वास्तविक दुनिया। वास्तविक दुनिया में कोई समस्या नहीं है। जो कुछ भी हो रहा था, वह सोशल मीडिया पर हो रहा था। मुझे गहरा दुख है कि हमारे दो साथी जो 20-25 साल से हमारे साथ थे और देश की, लोगों की सेवा कर रहे थे वो आज नहीं हैं। हम पुलिस बल हैं और हमारी लड़ाई जारी है... क्या हमारे पास बस बैठकर निराश होने का विकल्प है? किसी का मनोबल नहीं टूटा, कुछ नहीं हुआ।"

सोशल मीडिया की दुनिया है और वो लोगों को डराते रहते हैं। जितना ज्यादा आप देखेंगे उतनी ज्यादा नजरें उन पर पड़ेंगी अमेरिका को उतना ज्यादा पैसा मिलेगा..."

दोनों अधिकारियों की मौत पर जताया दुख
इससे पहले सिंह ने दो पुलिस अधिकारियों की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस बल इससे दुखी है। उन्होंने आगे कहा, "हम गंभीरता से सोच रहे हैं कि ऐसी स्थिति फिर न आए, इसके लिए क्या किया जाए।" उन्होंने कहा, "हम अधिकारियों की पत्नियों के संघ को मज़बूत करना चाहते हैं। हमारा काम सिर्फ़ अधिकारियों तक ही सीमित नहीं है बल्कि उनके परिवारों तक भी फैला हुआ है ताकि ऐसी स्थिति न आए कि कोई आत्महत्या कर ले।"

हरियाणा पुलिस महानिदेशक ने पुलिस जवानों और पूर्व सैनिकों को याद रखने के महत्व पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने संतोष जताया कि 1967 और 1977 के बीच किसी भी पुलिसकर्मी की जान नहीं गई और उनका लक्ष्य इस रिकॉर्ड को बनाए रखना है। पुलिस बल अपनी कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए तकनीक के साथ और ज्यादा डेवलप हो रहा है।

उन्होंने कहा, "प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि सक्षम और अनुभवी अधिकारी अपने क्षेत्रों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करें। सार्वजनिक समारोहों के दौरान व्यवस्था बनाए रखें और अपराधियों के लिए जेलों की संख्या मजबूत करें। दिवाली का त्योहार  आते ही एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।"

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