एसआईआर पर चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस, अगले हफ्ते से हो सकती है शुरुआत
- Shubhangi Pandey
- 27 Oct 2025 03:05:03 PM
चुनाव आयोग सोमवार शाम 4:15 बजे विशेष गहन पुनरीक्षण पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। इस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी देश भर में SIR की तारीखों की घोषणा करेंगे। चुनाव आयोग अगले हफ्ते पूरे देश में SIR शुरू कर सकता है। इसकी शुरुआत 10-15 राज्यों से होगी। SIR सबसे पहले उन राज्यों में आयोजित किया जाएगा जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। बता दें कि असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं।
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि जिन राज्यों में स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं, वहां अभी SIR नहीं किया जाएगा। इसकी वजह यह है कि निचले स्तर के कर्मचारी उन चुनावों में व्यस्त रहेंगे। वो SIR के लिए समय नहीं निकाल पाएंगे। इन राज्यों में SIR चुनाव के बाद किया जाएगा।
हाल ही में चुनाव आयोग ने की थीं बड़ी बैठके
एसआईआर के कार्यान्वयन की रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए आयोग ने हाल ही में राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के साथ दो बैठकें कीं। कई सीईओ ने अपने पिछले एसआईआर के बाद जारी मतदाता सूचियों को संबंधित राज्यों की वेबसाइटों पर अपलोड कर दिया है। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर 2008 की मतदाता सूची उपलब्ध है। वहां एसआईआर 2008 में आयोजित किया गया था। उत्तराखंड में एसआईआर आखिरी बार 2006 में आयोजित किया गया था और उस समय की मतदाता सूची अब राज्य के सीईओ की वेबसाइट पर उपलब्ध है। बिहार में भी हाल ही में मतदाता सत्यापन हुआ है। अंतिम आंकड़े 1 अक्टूबर को जारी किए गए।
बाकी राज्यों में एसआईआर
आखिरी एसआईआर राज्यों के लिए कट-ऑफ तिथि के रूप में काम करेगी। ठीक उसी तरह जैसे बिहार के लिए 2003 की मतदाता सूची का इस्तेमाल चुनाव आयोग ने एसआईआर के लिए किया था। अधिकांश राज्यों में मतदाता सूचियों का अंतिम एसआईआर 2002 और 2004 के बीच किया गया था। दिल्ली ने 2008 में एसआईआर किया था और उससे पहले उत्तराखंड ने 2006 में एसआईआर किया था। अधिकांश राज्यों ने अपने-अपने राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में किए गए अंतिम एसआईआर के साथ मौजूदा मतदाताओं का मिलान लगभग पूरा कर लिया है। एसआईआर का प्राथमिक उद्देश्य विदेशी अवैध प्रवासियों के जन्म स्थान का सत्यापन करके उन्हें बाहर निकालना है। बांग्लादेश और म्यांमार सहित कई राज्यों में अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई के मद्देनजर यह कदम अहम है।
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *



