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बिहार में मतदाता सूची अपडेट करने का काम पूरा करने के बाद अब भारत निर्वाचन आयोग अब 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू करेगा। यह प्रक्रिया 28 अक्टूबर से शुरू होकर 103 दिनों तक चलेगी और 7 फरवरी 2026 को खत्म होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को घोषणा की है कि पुनरीक्षण प्रक्रिया शुरू करने के लिए इन राज्यों में मतदाता सूचियां आज रात से फ्रीज कर दी जाएंगी। एसआईआर के दौरान 18 साल से ज्यादा आयु के नए मतदाताओं को जोड़ा जाएगा। मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे और बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के घर-घर जाकर सत्यापन के माध्यम से नामों या पतों में कमियों को ठीक किया जाएगा।

कहां - कहां होगा एसआईआर ?
मतदाता सूची को इन राज्यों में अपडेट किया जाएगा- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल। दिलचस्प बात यह है कि पश्चिम बंगाल जहां अगले साल चुनाव होने हैं वह इस प्रक्रिया का हिस्सा है, जबकि असम को नागरिकता संबंधी तमाम नियमों की वजह से इससे बाहर रखा गया है। इन 12 राज्यों में लगभग 51 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं। इस अभियान में राजनीतिक दलों के लगभग 5.33 लाख बीएलओ और 7 लाख बूथ स्तरीय एजेंट (बीएलए) शामिल होंगे।

मतदाताओं को लिए ये है ज़रूरी 
एसआईआर के दौरान बीएलओ और बीएलए सत्यापन के लिए फॉर्म बांटेंगे। मतदाताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका विवरण मतदाता सूची से मेल खाता हो। अगर उनका नाम दो बार दिखाई देता है तो उसे एक निर्वाचन क्षेत्र से हटा दिया जाना चाहिए। अगर उनका नाम गायब है तो वो सहायक दस्तावेजों के साथ नाम जुड़वाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

SIR के लिए मान्य दस्तावेज़ 
मान्य दस्तावेज़ों में पासपोर्ट, आधार कार्ड, दसवीं कक्षा की मार्कशीट, जन्म प्रमाण पत्र, पेंशन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, NRC या परिवार रजिस्टर प्रविष्टि, और भूमि या मकान आवंटन पत्र शामिल हैं।

अभियान का उद्देश्य
चुनाव आयोग ने कहा कि SIR पिछली बार 2004 में देश भर में आयोजित किया गया था। लेकिन पिछले 21 सालों में जनसांख्यिकीय परिवर्तन हुए हैं। जैसे कि ट्रांसफर, दोहराव और मृत मतदाताओं के नाम न हटाए जाने की वजह से संशोधन जरूरी हो गया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए और कोई भी अपात्र मतदाता सूची में न रहे।

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