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रूस भारत में करेगा नागरिक विमान एसजे-100 का निर्माण, जानिए क्या मायने रखता है ये फैसला

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रूस के एसजे-100 सिविल कम्यूटर विमान अब भारत में भी बनाए जाएंगे। इसके लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने रूस की यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन (पीजेएससी-यूएसी) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह छोटे शहरों को हवाई संपर्क देने में एक क्रांतिकारी बदलाव साबित हो सकता है। इस समझौते पर 28 अक्टूबर  को मास्को में हस्ताक्षर किए गए। एचएएल के प्रभात रंजन और पीजेएससी-यूएसी के ओलेग बोगोमोलोव ने इस पर हस्ताक्षर किए। यह एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डीके सुनील और पीजेएससी-यूएसी के महानिदेशक वादिम बडेका की उपस्थिति में हुआ।

भारत में आखिरी बार एक नागरिक विमान बनाने की परियोजना 1961 से 1988 तक चली थी। एचएएल की इस परियोजना का नाम एवरो एचएस 748 था। उसके बाद भारत ने आयात पर निर्भर रहना सीख लिया। लेकिन अब रूस के साथ यह समझौता भारत की आयात पर निर्भरता कम कर सकता है।

दो इंजन, छोटी बॉडी वाला कम्यूटर विमान
यह विमान छोटे रास्तों के लिए एकदम सही है और 75-100 यात्रियों को ले जाने में सक्षम है। इसे छोटी दूरी की उड़ानों यानी 100-500 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह रूस में पहले से ही सफल रहा है। इसकी 200 से ज़्यादा इकाइयां बनाई जा चुकी हैं और कई एयरलाइनें इसका इस्तेमाल कर रही हैं।

भारत के लिए फायदे का सौदा
एचएएल का कहना है, "एसजे-100 उड़ान योजना के लिए क्रांतिकारी बदलाव साबित होगा।" यह विमान ईंधन कुशल है और स्थानीय उत्पादन से लागत कम होगी। उड़ान योजना के तहत गोरखपुर, देवघर या पोर्ट ब्लेयर जैसे छोटे शहरों को जोड़ा जा रहा है। वहीं भारत को अगले 10 सालों में 200 से ज़्यादा ऐसे जेट विमानों की जरूरत है। उड़ान योजना के तहत 100 से ज़्यादा नए हवाई अड्डे बनाए जा रहे हैं। एसजे-100 उनकी लाइफलाइन बनेगा। 

रोज़गार बढ़ने की उम्मीद
भारत में इसका निर्माण होने से हज़ारों रोज़गार सृजित होंगे। इंजीनियरों, टेक्नीशियंस और आपूर्ति श्रृंखला को बढ़ावा मिलेगा।

आयात पर निर्भरता में कमी
वर्तमान में भारत अपने 90% विमान आयात करता है। यह समझौता आत्मनिर्भरता को बढ़ाएगा। इसे "मेक इन इंडिया" का एक आदर्श उदाहरण कहा जा सकता है।

अंतर्राष्ट्रीय पहुंच बढ़ेगी
हिंद महासागर क्षेत्र के लिए 350 से ज़्यादा विमानों की मांग है। एसजे-100 मालदीव या श्रीलंका जैसे पर्यटन स्थलों को जोड़ सकता है।

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