सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों पर चुप रहने वाले मुख्य सचिवों को फटकारा, 3 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश
- Shubhangi Pandey
- 31 Oct 2025 06:08:14 PM
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आवारा कुत्तों से जुड़े मामले में देशभर के मुख्य सचिवों को अदालत में पेश होने का आदेश दिया। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट देने की मांग खारिज कर दी। जस्टिस नाथ ने कहा कि जब उन्हें हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा जाता है तो मुख्य सचिव चुप रहते हैं। उन्होंने तंज कसा कि आदेशों का सम्मान नहीं किया जाता और इसलिए उन्हें अदालत में आना होगा। अदालत ने मुख्य सचिवों को 3 नवंबर को सुबह 10:30 बजे पेश होने का आदेश दिया है।
आवारा कुत्तों के काटने से रेबीज की चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 28 जुलाई से शुरू की थी। यह कदम मीडिया रिपोर्टों में सामने आए आवारा कुत्तों के काटने से होने वाले रेबीज के खतरे को देखते हुए उठाया गया। 22 अगस्त को अदालत ने इसे दिल्ली-एनसीआर से बढ़ाकर पूरे देश में लागू कर दिया और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पक्षकार बनाने का निर्देश दिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि पकड़े गए कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण होना चाहिए और फिर उन्हें वहीं छोड़ दिया जाना चाहिए जहां से उन्हें पकड़ा गया था। रेबीज से संक्रमित और आक्रामक कुत्तों को आश्रय गृहों में रखा जाना चाहिए।
कम ही राज्यों ने हलफनामा दाखिल किया
सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि केवल दिल्ली, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना के नगर निगमों ने हलफनामा दाखिल किया है। बाकी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को अपनी अनुपस्थिति और हलफनामा न देने का स्पष्टीकरण अदालत में देना होगा। दिल्ली सरकार ने भी हलफनामा दाखिल नहीं किया है और उसके मुख्य सचिव को भी व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा गया है।
अदालत का सख्त रुख
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि आदेशों की अवहेलना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। न्यायालय ने राज्यों को चेताया कि व्यक्तिगत पेशी के दौरान वो हलफनामा न देने का ठोस कारण बताएं। विशेषज्ञों का कहना है कि अदालत का यह कदम आवारा कुत्तों से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं और नागरिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। अदालत की सख्ती से राज्यों पर दबाव बढ़ेगा और उन्हें निर्देशों का पालन करना पड़ेगा।
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