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Trump सरकार का बड़ा फैसला! H-1B फैमिली के लिए झटका, अब EAD अपने आप नहीं होंगे रिन्यू

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने गुरुवार को रोजगार प्राधिकरण दस्तावेज़ों (EAD) के ऑटोमैटिक एक्सटेंशन यानी स्वचालित विस्तार को खत्म करने का ऐलान किया है। अब किसी भी विदेशी नागरिक को वर्क परमिट रिन्यू कराने से पहले नई जांच और स्क्रीनिंग से गुजरना होगा। होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHS) ने कहा कि ये कदम अमेरिकी सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया है। अब हर आवेदक को नए ईएडी जारी होने से पहले पूरी तरह से जांचा जाएगा।

क्या है EAD ऑटो एक्सटेंशन?
EAD यानी Employment Authorization Document एक ऐसा कार्ड होता है जो विदेशी नागरिकों को अमेरिका में काम करने की अनुमति देता है। पहले नियम के तहत अगर किसी का EAD खत्म भी हो जाता था और उसका रिन्यूवल आवेदन लंबित रहता था, तो उसे कुछ समय के लिए कानूनी रूप से काम जारी रखने की अनुमति होती थी। अब ये सुविधा खत्म हो गई है। यानी अगर किसी का EAD खत्म हो गया और नया कार्ड मंजूर नहीं हुआ, तो वो काम नहीं कर पाएगा।

ट्रंप प्रशासन क्यों कर रहा है ये बदलाव?
यूएससीआईएस (USCIS) निदेशक जोसेफ एडलो ने कहा कि ट्रंप प्रशासन सख्त जांच और स्क्रीनिंग पर जोर दे रहा है। उन्होंने कहा कि पहले के प्रशासन ने एलियंस (विदेशी नागरिकों) की सुविधा को अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा से ज्यादा अहमियत दी थी। उनका बयान था, “अमेरिका में काम करना कोई अधिकार नहीं, बल्कि एक विशेषाधिकार है। जब तक नए दस्तावेज़ की पूरी जांच नहीं हो जाती, तब तक किसी को काम की अनुमति नहीं दी जाएगी।”

इसका सीधा असर किस पर पड़ेगा?
सबसे ज्यादा असर भारतीय मूल के H-1B वीजा धारकों के परिवारों (H-4 वीजा वाले), OPT (Optional Practical Training) पर काम कर रहे छात्रों और शरण चाहने वालों पर पड़ेगा। इन लोगों को अब अपने वर्क परमिट के रिन्यू होने तक नौकरी छोड़नी पड़ सकती है। इससे रोजगार में गैप और आर्थिक नुकसान दोनों हो सकते हैं।

कंपनियों पर भी बढ़ेगा बोझ
नए नियमों के बाद अमेरिकी कंपनियों को भी अतिरिक्त सतर्क रहना होगा। उन्हें अब यह सुनिश्चित करना पड़ेगा कि उनके विदेशी कर्मचारी के पास हमेशा सक्रिय और वैध EAD हो। पहले नियोक्ता कुछ समय के लिए ऑटो एक्सटेंशन पर भरोसा कर सकते थे, लेकिन अब अगर नया EAD मंजूर नहीं हुआ तो कर्मचारी को काम से रोकना पड़ेगा।

भारतीयों के लिए क्या मतलब है ये बदलाव
भारत से हर साल लाखों छात्र और पेशेवर अमेरिका में पढ़ाई और नौकरी करने जाते हैं। EAD नीति में इस बदलाव का मतलब है कि H-4 वीजा धारकों (H-1B वीजा वालों के जीवनसाथियों) को अब पहले से ज्यादा सतर्क रहना होगा। रिन्यूवल में थोड़ी भी देरी नौकरी छूटने का कारण बन सकती है। बता दें कि ट्रंप प्रशासन का ये फैसला अमेरिका में काम कर रहे हजारों भारतीयों के लिए चिंता की बात है। अब हर विदेशी वर्कर को अपने EAD आवेदन की प्रक्रिया पर ज्यादा ध्यान देना होगा, वरना उनका करियर बीच में रुक सकता है।

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