Operation Sindoor एक धर्म युद्ध – सेना प्रमुख Upendra Dwivedi का बड़ा बयान, जनरल का गर्व भरा संदेश
- Ankit Rawat
- 01 Nov 2025 05:45:38 PM
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी शनिवार को अपने पुराने स्कूल सरस्वती हायर सेकेंडरी स्कूल पहुंचे, जहां उन्होंने छात्रों के साथ भावनात्मक लम्हे साझा किए। 53 साल बाद जब वो अपने स्कूल लौटे तो उन्होंने कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर एक धर्म युद्ध था और आगे भी जारी रहेगा”। उन्होंने बताया कि इस अभियान ने देश को एकजुट किया और ये भारत की सैन्य नैतिकता का प्रतीक है।
“हमने किसी निर्दोष पर हमला नहीं किया”
सेना प्रमुख ने साफ कहा कि भारत की सेना हमेशा मर्यादा और मानवीयता के साथ युद्ध करती है। उन्होंने कहा, “हमने कभी किसी निर्दोष नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचाया। नमाज के वक्त कभी हमला नहीं किया। हमारी लड़ाई आतंक के खिलाफ है, धर्म के खिलाफ नहीं।” जनरल द्विवेदी के इस बयान पर स्कूल का मैदान तालियों से गूंज उठा। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ़ एक सैन्य अभियान नहीं था, बल्कि देश की आत्मा की रक्षा का प्रतीक था।
“ऑपरेशन सिंदूर ने देश को जोड़ा”
उन्होंने आगे कहा, “ये अभियान पूरे भारत को एक सूत्र में बांधने वाला साबित हुआ। इस मिशन में सिद्धांत, अनुशासन और तकनीक तीनों का संगम देखने को मिला। पाकिस्तान को यह संदेश दिया गया कि भारत धर्मयुद्ध का पालन करने वाला देश है, जहाँ युद्ध भी नीति और सम्मान के साथ लड़े जाते हैं।”
अपने स्कूल लौटकर हुए भावुक
जनरल द्विवेदी ने बताया कि 1971-72 में वो इसी स्कूल में चौथी कक्षा में पढ़ते थे। उन्होंने कहा, “यही वो जगह है जहाँ मैंने निर्णय लेने की क्षमता सीखी। आज मैं जिस मुकाम पर हूं, उसकी नींव यहीं पड़ी थी।” स्कूल पहुंचते ही छात्रों और शिक्षकों ने उनका भव्य स्वागत किया। पुराने क्लासरूम देखकर वो भावुक हो गए और कहा कि इस स्कूल ने ही उनके जीवन की दिशा तय की।
छात्रों को दिया सफलता का मंत्र – तीन ‘A’
सेना प्रमुख ने छात्रों को सफलता का मंत्र देते हुए कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए तीन A – एटीट्यूड, एडाप्टेबिलिटी और एबिलिटी जरूरी हैं। उन्होंने समझाया, “एटीट्यूड आपको सकारात्मक बनाए रखता है, एडाप्टेबिलिटी आपको समय के साथ ढालना सिखाती है और एबिलिटी आपको हर क्षेत्र में जीत दिलाती है।”
“2047 तक विकसित भारत का सपना हमारा लक्ष्य”
जनरल द्विवेदी ने युवाओं से कहा, “जो मेहनत करेगा, वही राष्ट्र का भविष्य बनाएगा। चाहे आप वर्दी में हों या सिविल ड्रेस में, हर किसी को देश सेवा का संकल्प लेना चाहिए। 2047 में जब भारत विकसित राष्ट्र बनेगा, तो उसमें आपकी मेहनत भी शामिल होगी।” उनका ये संदेश छात्रों के दिलों को छू गया। सतना के सरस्वती स्कूल में वो दिन इतिहास बन गया, जब देश के सेना प्रमुख अपने पुराने स्कूल लौटे और बच्चों को “धर्म युद्ध की नीति और सफलता का मंत्र” सिखाकर आगे बढ़ गए।
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *



