Dollar के सामने पस्त हुआ रुपया, जानिए क्यों गिर रही है भारतीय करेंसी
- Ankit Rawat
- 03 Nov 2025 03:05:34 PM
भारतीय रुपये की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को शुरुआती कारोबार में रुपया सात पैसे टूटकर 88.77 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। विदेशी निवेशकों की बिकवाली और क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों ने रुपये पर जोरदार दबाव बना दिया है।
डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ रुपया
इंटरबैंक फॉरेक्स मार्केट में रुपया 88.73 प्रति डॉलर पर खुला। लेकिन जल्दी ही 88.77 के स्तर तक फिसल गया। पिछले कारोबारी दिन ये 88.70 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। डॉलर इंडेक्स जो छह प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती दिखाता है, 0.04% गिरकर 99.59 पर पहुंचा, लेकिन रुपये को इससे कोई राहत नहीं मिली।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार डगमगाया
विदेशी निवेशकों ने लगातार शेयरों की बिकवाली की है। जिससे न सिर्फ रुपये बल्कि शेयर बाजार पर भी असर पड़ा। बीएसई सेंसेक्स 258 अंक गिरकर 83,679 अंक पर पहुंचा जबकि एनएसई निफ्टी 47 अंक टूटकर 25,674 अंक पर कारोबार कर रहा है। आंकड़ों के मुताबिक एफआईआई ने पिछले शुक्रवार को 6,769 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
तेल की कीमतें बनी सिरदर्द
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड 0.31% बढ़कर 64.97 डॉलर प्रति बैरल हो गया है। भारत कच्चे तेल का बड़ा आयातक है, इसलिए तेल महंगा होने पर देश का आयात बिल बढ़ता है। इसी वजह से रुपये की मांग कम होती है और उसकी कीमत डॉलर के मुकाबले गिरने लगती है।
घटा विदेशी मुद्रा भंडार
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार 24 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 6.92 अरब डॉलर घटकर 695.35 अरब डॉलर रह गया। पिछले हफ्ते इसमें 4.49 अरब डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। आरबीआई का कहना है कि डॉलर की मजबूती और उसके मुकाबले यूरो, पाउंड और येन जैसी मुद्राओं के कमजोर होने से विदेशी मुद्रा आस्तियां घटी हैं। वहीं, भारत के स्वर्ण भंडार का मूल्य 3.01 अरब डॉलर घटकर 105.53 अरब डॉलर रह गया।
कब मिलेगा रुपये को सहारा?
विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक विदेशी निवेशकों की बिकवाली रुकती नहीं और तेल की कीमतों में स्थिरता नहीं आती, तब तक रुपये में सुधार की उम्मीद कम है। हालांकि आरबीआई बाजार में स्थिरता लाने के लिए समय-समय पर हस्तक्षेप कर सकता है। अभी के हालात बताते हैं कि डॉलर की मजबूती और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के बीच भारतीय रुपया फिलहाल संभलने के मूड में नहीं है।
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