शेयर बाजार में फिर बढ़ी गिरावट, Sensex-Nifty का बहुत बुरा हाल, 10 बड़े शेयर बिखरे, जानें एक क्लिक में
- Ankit Rawat
- 03 Nov 2025 03:50:30 PM
शेयर बाजार में बीते हफ्ते की गिरावट का सिलसिला इस हफ्ते भी थमता नजर नहीं आ रहा। सोमवार को कारोबार की शुरुआत होते ही बाजार लाल निशान में खुला। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी, दोनों ही इंडेक्स शुरुआती मिनटों में फिसल गए।
सेंसेक्स 240 अंक लुढ़का, निफ्टी भी सुस्त
बीएसई सेंसेक्स अपने पिछले बंद 83,938.71 अंक की तुलना में 83,835.10 पर खुला और कुछ ही देर में 240 अंक गिरकर 83,677 पर पहुंच गया। वहीं, निफ्टी ने 25,722.10 के मुकाबले 25,696.85 पर शुरुआत की और थोड़ी ही देर में फिसलकर 25,659 के स्तर पर पहुंच गया। शुरुआती घंटों में बाजार पूरी तरह बिकवाली के मूड में नजर आया।
1077 शेयर लाल निशान में खुले
ग्लोबल मार्केट से मिले निगेटिव संकेतों के चलते भारतीय बाजार में गिरावट की आशंका पहले से जताई जा रही थी। गिफ्ट निफ्टी भी सुबह से ही लाल निशान में ट्रेड कर रहा था। कारोबार की शुरुआत में बीएसई पर 1457 कंपनियों के शेयर हरे निशान में खुले, जबकि 1077 कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ रेड जोन में पहुंच गए। इसके अलावा 243 शेयरों में कोई बदलाव नहीं देखा गया।
बिखरे बड़े शेयर, निवेशकों में चिंता
मार्केट खुलते ही कई दिग्गज कंपनियों के शेयर टूटे। शुरुआती कारोबार में टॉप-10 लूजर्स में मारुति 2.37%, बीईएल 2.16% और टाइटन 1.60% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। वहीं मिडकैप कैटेगरी में पतंजलि 3.15%, व्हर्लपूल 2.82%, एनआईएसीएल 2.60% और ओला इलेक्ट्रिक 1.80% नीचे फिसले। स्मॉलकैप शेयरों में लांसर 9.99%, एफसीएल 6.11% और एनओसीआईएल 5.30% की गिरावट दर्ज की गई।
किन सेक्टर्स पर पड़ा सबसे ज्यादा असर
बैंकिंग, ऑटो और एफएमसीजी सेक्टर में सबसे ज्यादा बिकवाली देखने को मिली। एक्सिस बैंक, बजाज फाइनेंस, अडानी पोर्ट्स और एचडीएफसी बैंक जैसे दिग्गज शेयरों में गिरावट आई। एक्सपर्ट्स का मानना है कि विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली, डॉलर की मजबूती और क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतें बाजार पर दबाव बनाए हुए हैं।
क्या अब और गिरेगा बाजार?
मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक निवेशकों को फिलहाल सतर्क रहना चाहिए। विदेशी बाजारों के कमजोर संकेत और घरेलू आर्थिक आंकड़ों में सुस्ती से निकट भविष्य में तेजी की उम्मीद कम है। हालांकि, लंबी अवधि के निवेशकों के लिए ये समय मजबूत कंपनियों के शेयर सस्ते में खरीदने का मौका हो सकता है।
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