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पायलट को दोष नहीं दिया जा सकता! अहमदाबाद एयर इंडिया हादसे पर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी

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अहमदाबाद में जून 2025 में हुई एयर इंडिया की भीषण विमान दुर्घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। अदालत ने साफ कहा कि हादसे के लिए पायलट को किसी भी तरह से दोषी नहीं ठहराया जा सकता। इस हादसे में 260 लोगों की मौत हुई थी। कोर्ट की टिप्पणी उन परिवारों के लिए राहत की खबर है। जिनके प्रियजन इस हादसे में मारे गए थे।

“पायलट को दोष देने की जरूरत नहीं”
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमल्या बागची की बेंच ने कहा कि हादसा बेहद दुखद है। लेकिन पायलट पर किसी तरह का आरोप नहीं लगाना चाहिए। कोर्ट ने कहा, “आपको ये बोझ नहीं उठाना चाहिए कि आपके बेटे को दोष दिया जा रहा है। किसी को भी उन्हें किसी बात के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए।” जस्टिस बागची ने साफ किया कि एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट में भी पायलट की कोई गलती नहीं बताई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक विमान के नियंत्रण के दौरान पायलटों के बीच हुई बातचीत में ऐसा कोई संकेत नहीं था कि उन्होंने कोई गलती की हो।

पिता ने की थी न्यायिक जांच की मांग
ये मामला उस याचिका से जुड़ा है जिसे कमांडर सुमित सभरवाल के पिता पुष्कर राज सभरवाल ने दाखिल किया था। सुमित सभरवाल उन पायलटों में से एक थे जो इस हादसे में मारे गए थे। 91 साल के पुष्कर राज ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि इस दुर्घटना की जांच स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से की जाए। उनके वकील गोपाल शंकरनारायणन ने दलील दी कि मौजूदा जांच स्वतंत्र नहीं है। उन्होंने कहा कि जांच एयरक्राफ्ट इन्वेस्टिगेशन ऑफ एक्सिडेंट्स एंड इंसिडेंट्स रूल्स के तहत न्यायिक निगरानी में होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।

सरकार को भेजा गया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस मामले में नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि इस याचिका को 10 नवंबर को एक अन्य संबंधित केस के साथ सुना जाएगा। वकील ने अदालत का ध्यान वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट की ओर भी दिलाया। जिसमें एक अज्ञात भारतीय अधिकारी के हवाले से कहा गया था कि हादसा पायलट की गलती से हुआ। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विदेशी मीडिया की रिपोर्टों से भारतीय न्याय प्रक्रिया प्रभावित नहीं होती। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “वो बेहद भ्रामक रिपोर्टिंग थी। भारत में कोई नहीं मानता कि हादसे के लिए पायलट जिम्मेदार था।”

बोइंग विमानों की सुरक्षा पर भी उठे सवाल
वकील ने सुनवाई के दौरान बोइंग विमानों से जुड़ी वैश्विक सुरक्षा चिंताओं का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद हादसे को उसी व्यापक संदर्भ में देखा जाना चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर जांच प्रक्रिया पर ही सवाल है तो कानून की वैधानिक व्यवस्था को चुनौती देनी होगी। सुप्रीम कोर्ट की ये टिप्पणी उन सभी के लिए उम्मीद की किरण है, जो चाहते हैं कि हादसे की सच्चाई निष्पक्ष रूप से सामने आए और किसी निर्दोष पर उंगली न उठे।

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