Delhi Airport पर मचा हंगामा! क्या है वो AMSS सिस्टम जिसने रोक दी सभी उड़ानें? जानिए कैसे हुआ टेक्निकल फेलियर
- Ankit Rawat
- 07 Nov 2025 06:27:16 PM
शुक्रवार की सुबह दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कुछ ऐसा हुआ जिसने यात्रियों की नींद उड़ा दी। अचानक एयरपोर्ट पर फ्लाइट्स की लंबी कतारें लग गईं। कोई विमान उड़ान नहीं भर पा रहा था तो कोई हवा में चक्कर काट रहा था। वजह थी एक तकनीकी गड़बड़ी, जिसने पूरे सिस्टम को कुछ घंटों के लिए ठप कर दिया।
AMSS सिस्टम में आई खराबी
दरअसल एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के जिस सिस्टम में दिक्कत आई उसे ऑटोमेटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम यानी AMSS कहा जाता है। यही सिस्टम एयरपोर्ट और एयरलाइंस के बीच जरूरी जानकारी जैसे फ्लाइट प्लान, मौसम की स्थिति, एराइवल-डिपार्चर अपडेट आदि अपने आप ट्रांसफर करता है। शुक्रवार सुबह अचानक AMSS ने काम करना बंद कर दिया। सिस्टम फेल होते ही पूरा ऑपरेशन मैनुअल मोड पर चला गया। अब हर फ्लाइट का डेटा एटीसी टीम को हाथ से प्रोसेस करना पड़ा जिससे टेकऑफ और लैंडिंग में भारी देरी हुई। नतीजा ये हुआ कि करीब 150 फ्लाइट्स देरी की जद में आ गईं और रनवे पर विमानों की कतार लग गई।
आखिर क्या करता है AMSS?
AMSS एक कंप्यूटर बेस्ड कम्युनिकेशन सिस्टम है जो दुनिया भर के एयरपोर्ट्स में इस्तेमाल होता है। इसके जरिए एयरलाइंस, एयर ट्रैफिक कंट्रोल, मौसम विभाग और दूसरी एजेंसियां आपस में कम्युनिकेशन करती हैं। ये सिस्टम ‘स्टोर एंड फॉरवर्ड’ टेक्नोलॉजी पर काम करता है। यानी फ्लाइट से जुड़ा कोई भी मैसेज पहले AMSS में स्टोर होता है और फिर सही समय पर सही जगह भेजा जाता है। अगर किसी कारण से नेटवर्क बिजी हो, तो मैसेज कुछ देर बाद अपने आप डिलीवर हो जाता है।
ऐसे होता है मैसेज ट्रांसफर
एटीसी या एयरलाइन फ्लाइट से जुड़ा डेटा AMSS में डालते हैं। सिस्टम तय करता है कि ये जानकारी किस सेंटर या एजेंसी को भेजनी है। अगर नेटवर्क फ्री है तो तुरंत मैसेज फॉरवर्ड हो जाता है, नहीं तो सिस्टम उसे अस्थायी रूप से स्टोर कर लेता है और मौका मिलते ही भेज देता है। AMSS की मदद से ही एयर ट्रैफिक रियल टाइम में ऑपरेट होता है। यही वजह है कि इसके बंद पड़ने से मिनटों में पूरा ऑपरेशन गड़बड़ा गया।
क्यों इतना अहम है ये सिस्टम?
AMSS एयर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए उतना ही जरूरी है जितना विमान के लिए इंजन। इसी सिस्टम से तय होता है कौन सी फ्लाइट कब टेकऑफ करेगी और कौन सी किस दिशा से लैंड करेगी। जब ये सिस्टम बंद हुआ तो एटीसी को हर क्लियरेंस मैन्युअली देनी पड़ी। इससे रनवे पर विमान अटक गए और आसमान में कई फ्लाइट्स को होल्ड करना पड़ा। फिलहाल एयरपोर्ट अथॉरिटीज और तकनीकी टीमें गड़बड़ी को ठीक करने में जुटी हैं। स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है, लेकिन यात्रियों को अब भी देरी का सामना करना पड़ रहा है।
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