नार्को-टेरर नेटवर्क पर ईडी का बड़ा वार, जम्मू- कश्मीर में 6 ठिकानों पर छापेमारी, सामने आया पाकिस्तान कनेक्शन
- Shubhangi Pandey
- 08 Nov 2025 05:44:50 PM
जम्मू-कश्मीर में आतंक और नशे की फंडिंग करने वालों पर बड़ा एक्शन हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नार्को-टेरर फंडिंग केस में शनिवार तड़के छह ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। ये कार्रवाई पूर्व मंत्री जतिंदर सिंह उर्फ बाबू सिंह से जुड़ी बताई जा रही है, जिनका नाम पहले भी हवाला मनी और आतंकी फंडिंग से जुड़ चुका है। ईडी की टीमों ने जम्मू के दो और कश्मीर के चार ठिकानों पर रेड डाली, जहां से कई अहम दस्तावेज, बैंक रिकॉर्ड और डिजिटल सबूत मिले। कठुआ में बाबू सिंह के घर पर भी तलाशी ली गई।
कैसे शुरू हुआ मामला
ये पूरा मामला साल 2022 से जुड़ा है। 30 मार्च को जम्मू पुलिस ने मोहम्मद शरीफ शाह नाम के शख्स को 6.9 लाख रुपये की हवाला रकम के साथ पकड़ा था। शाह कश्मीर से जम्मू जा रहा था और ये पैसा बाबू सिंह को दिया जाना था। जांच में खुलासा हुआ कि ये रकम बाबू सिंह की पार्टी नेचर मैनकाइंड फ्रेंडली ग्लोबल पार्टी के जरिए अलगाववादी गतिविधियों में इस्तेमाल होनी थी।
पाकिस्तान से चल रहा था ड्रग्स-टेरर नेटवर्क
ईडी की शुरुआती जांच में एक बड़ा नेटवर्क सामने आया, जो पाकिस्तान से ऑपरेट हो रहा था। इस नेटवर्क में सैफुद्दीन, फारूक अहमद नायकू और मुबाशिर मुश्ताक फाफू जैसे लोग शामिल थे। ये सब नार्को-टेरर मॉड्यूल का हिस्सा थे, जो पाकिस्तान से हेरोइन मंगाकर भारत में बेचते थे और कमाई का पैसा आतंकियों तक पहुंचाते थे। जांच में सामने आया कि साल 2021-22 में फारूक अहमद नायकू ने पाकिस्तान से हेरोइन तस्करी कराई थी। उसे बेचकर करीब 2 करोड़ रुपये श्रीनगर के अलग-अलग खातों में जमा किए गए। बाद में ये रकम दुबई में भारतीय खातों में ट्रांसफर की गई और वहीं से हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकियों तक पहुंची।
बाबू सिंह पर गहराया शक
ईडी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बाबू सिंह का पाकिस्तानी आतंकियों से सीधा संपर्क था। वो दुबई जाकर फंडिंग की व्यवस्था करते थे और हवाला के जरिए पैसे भेजते थे। 2022 में SIA ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, लेकिन अब ईडी इस पूरे नेटवर्क की मनी लॉन्ड्रिंग की दिशा से जांच कर रही है।
ईडी ने पहले भी पकड़ी थीं गुप्त फैक्टरियां
ईडी इस साल देशभर में कई ऐसे नेटवर्क का भंडाफोड़ कर चुकी है, जो नशे के धंधे के जरिए टेरर फंडिंग करते थे। अगस्त में आंध्र प्रदेश में अल्प्राजोलम की अवैध फैक्ट्री पकड़ी गई थी, जहां से 119 किलो ड्रग जब्त हुआ था। बताया जा रहा है कि ये ड्रग्स तेलंगाना भेजे जा रहे थे।
ईडी सूत्रों का कहना है कि कश्मीर में अब भी ड्रग्स और आतंक का गठजोड़ काम कर रहा है। एजेंसी इस कड़ी के हर सिरा तक पहुंचने की कोशिश कर रही है, ताकि पाकिस्तान से चल रहे इस गंदे धंधे को पूरी तरह खत्म किया जा सके।
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