PFI पर फिर गिरी ED की गाज! ₹67 करोड़ की संपत्ति जब्त, खाड़ी देशों से आता था फंडिंग का पैसा?
- Shubhangi Pandey
- 08 Nov 2025 06:57:34 PM
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर बड़ी कार्रवाई करते हुए ₹67.03 करोड़ की संपत्तियां जब्त कर ली हैं। एजेंसी के मुताबिक, ये संपत्तियां PFI और उसके राजनीतिक संगठन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) से जुड़ी हैं और अलग-अलग ट्रस्टों के नाम पर छिपाई गई थीं।
ED का दावा — गल्फ देशों से आती थी फंडिंग
ईडी ने बताया कि PFI और SDPI को देश-विदेश से, खासकर गल्फ देशों से हवाला और डोनेशन के जरिए पैसा मिलता था। ये पैसा भारत में हिंसा फैलाने और आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में इस्तेमाल किया जा रहा था। एजेंसी को अब तक करीब ₹131 करोड़ की अवैध कमाई का सुराग मिला है। PFI की जिन 8 प्रॉपर्टियों को अटैच किया गया है, वो केरल, कर्नाटक, दिल्ली और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में हैं। इनकी कुल कीमत ₹67.03 करोड़ है। इससे पहले भी ईडी ने PFI की ₹62 करोड़ की संपत्तियां जब्त की थीं। यानी अब तक कुल ₹129 करोड़ की संपत्ति सील की जा चुकी है।
‘जिहादी एजेंडा’ के लिए ट्रेनिंग की साजिश
जांच में ईडी को पता चला है कि PFI युवाओं को भड़काने और कट्टर विचारधारा से जोड़ने के लिए फिजिकल ट्रेनिंग और हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रहा था। एजेंसी का आरोप है कि ये संगठन युवाओं को देश विरोधी गतिविधियों के लिए तैयार कर रहा था। अब तक PFI और SDPI के 28 नेताओं और सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिनमें SDPI के राष्ट्रीय अध्यक्ष एम.के. फैज़ी भी शामिल हैं।
फंडिंग का नेटवर्क गल्फ से हवाला तक
ईडी की जांच में सामने आया कि गल्फ देशों से आने वाला पैसा हवाला के जरिए भारत लाया जाता था। इसे कई बार चैरिटी और एजुकेशनल ट्रस्ट्स के नाम पर दिखाया जाता था। ये रकम बाद में अलग-अलग एनजीओ और ट्रस्टों के जरिए खर्च की जाती थी ताकि असली मकसद छिपा रहे।
मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत बड़ी कार्रवाई
ईडी ने बताया कि पूरी कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है। एजेंसी अब उन ट्रस्टों और शैल कंपनियों की जांच कर रही है जिनके जरिए ये पैसा देश में पहुंचाया गया। शुरुआती जांच में कई फर्जी लेनदेन और संदिग्ध निवेश के सबूत मिले हैं।
PFI और SDPI पहले भी रहे हैं विवादों में
PFI और SDPI पर पहले भी हिंसा भड़काने और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लग चुके हैं। 2022 में केंद्र सरकार ने PFI पर पांच साल का बैन लगाया था। गृह मंत्रालय ने तब कहा था कि ये संगठन भारत की सुरक्षा और एकता के लिए गंभीर खतरा है।
क्या है आगे की कार्रवाई?
ईडी अब विदेशी फंडिंग से जुड़े नेटवर्क और उन लोगों की जांच कर रही है जो इस मनी ट्रेल में शामिल थे। एजेंसी ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में और संपत्तियां जब्त की जा सकती हैं। PFI केस में अब तक 61 प्रॉपर्टियां केरल में, ₹2.41 करोड़ की मूवेबल और ₹126.6 करोड़ की इमूवेबल संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं। ईडी का कहना है कि जांच जारी है और जल्द ही पूरे फंडिंग नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाएगा।
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