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लाल किला ब्लास्ट में पुलवामा और फरीदाबाद कनेक्शन! अमोनियम नाइट्रेट और डेटोनेटर से रचा गया था बड़ा हमला?

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दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के बाहर हुए बम धमाके ने पूरे देश को दहला दिया है. अब तक इस हमले में नौ लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल अस्पताल में भर्ती हैं. शुरुआती जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. धमाके के तार पुलवामा और फरीदाबाद से जुड़ रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्लास्ट में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया था. एनआईए और अन्य जांच एजेंसियां अब इस पूरी साजिश की तह तक पहुंचने में जुटी हैं.

पुलवामा से कैसे जुड़ा धमाका?
दिल्ली ब्लास्ट में जिस हुंडई i20 कार का इस्तेमाल हुआ वो अब जांच का सबसे अहम सुराग बन गई है. बताया जा रहा है कि ये कार कई बार बेची गई थी और इसके कागजात भी फर्जी पाए गए हैं. पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि आखिरी बार ये गाड़ी पुलवामा के रहने वाले तारिक नाम के व्यक्ति को बेची गई थी. कार गुरुग्राम में रजिस्टर्ड थी, लेकिन कई फर्जी आईडी के जरिए इसका ट्रांसफर किया गया. जांच एजेंसियां अब इस बात की पड़ताल कर रही हैं कि आखिर इस गाड़ी के जरिए दिल्ली तक विस्फोटक कैसे पहुंचा और इसके पीछे कौन-कौन शामिल था.

फरीदाबाद से निकला बड़ा सुराग
फरीदाबाद में हाल ही में दो डॉक्टरों की गिरफ्तारी हुई थी. जिनसे भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियार बरामद हुए थे. पुलिस को वहां से डेटोनेटर भी मिले थे, जिन्हें रिमोट कंट्रोल से ब्लास्ट करने के लिए तैयार किया गया था. जांच में सामने आया कि इन दोनों डॉक्टरों के साथ तीसरा डॉक्टर उमर भी जुड़ा हुआ था, जो फिलहाल फरार था. बताया जा रहा है कि यही उमर फरीदाबाद के अल फलाह मेडिकल कॉलेज में काम करता था और अब दिल्ली ब्लास्ट में उसका नाम सामने आ रहा है. यही वजह है कि जांच एजेंसियां दोनों मामलों को एक साथ जोड़कर देख रही हैं.

अमोनियम नाइट्रेट बना तबाही का हथियार
फरीदाबाद में पुलिस को करीब 300 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ था. बताया गया कि ये विस्फोटक बड़े धमाके की तैयारी के लिए इस्तेमाल किया जाना था. इसे कई सूटकेस में पैक करके रखा गया था. अमोनियम नाइट्रेट एक ऐसा रासायनिक पदार्थ है जिसका इस्तेमाल आमतौर पर खेती में उर्वरक के रूप में किया जाता है, लेकिन यही पदार्थ जब डेटोनेटर और फ्यूल के साथ मिलाया जाता है, तो बेहद खतरनाक विस्फोटक बन जाता है. दिल्ली धमाके की शुरुआती रिपोर्ट में भी इसी के इस्तेमाल की पुष्टि हुई है.

एनआईए कर रही हर पहलू की जांच
एनआईए और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल इस केस की जांच कर रही हैं. पुलवामा से लेकर फरीदाबाद और दिल्ली तक फैले इस नेटवर्क के कई तार सामने आ रहे हैं. माना जा रहा है कि ये किसी बड़े आतंकी संगठन की साजिश है, जिसे स्थानीय स्तर पर अंजाम दिया गया. जांच एजेंसियां अब डिजिटल ट्रेल, सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल्स के जरिए साजिशकर्ताओं की पहचान में जुटी हैं. देश की राजधानी में हुए इस धमाके ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है. अब सभी की निगाहें एनआईए की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे पता चलेगा कि आखिर लाल किले पर ये हमला कैसे प्लान किया गया था.

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