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लाल किला ब्लास्ट में नया खुलासा! अमोनियम नाइट्रेट नहीं अब मिला मिलिट्री ग्रेड विस्फोटक PETN, एजेंसियां अलर्ट पर

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दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के बाहर हुए धमाके की जांच में अब नया बड़ा खुलासा हुआ है. फॉरेंसिक रिपोर्ट्स से सामने आया है कि ब्लास्ट में अमोनियम नाइट्रेट के साथ PETN (पेंटाएरिथ्रॉल टेट्रानाइट्रेट) नाम का मिलिट्री ग्रेड विस्फोटक भी इस्तेमाल किया गया हो सकता है. जांच एजेंसियां इस खुलासे के बाद अलर्ट पर हैं, क्योंकि PETN दुनिया के सबसे खतरनाक और हाई-इंटेंसिटी एक्सप्लोसिव्स में से एक माना जाता है.

PETN क्या है और क्यों है इतना खतरनाक?
PETN एक सफेद रंग का क्रिस्टलाइन पाउडर होता है जो TNT और RDX से भी कई गुना ज्यादा ताकतवर होता है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि सिर्फ एक ग्राम PETN इतना शक्तिशाली होता है कि उससे बड़ा धमाका किया जा सकता है. इसकी खासियत ये है कि ये बहुत जल्दी रिएक्ट करता है. हल्की सी गर्मी या घर्षण से भी ये ब्लास्ट कर सकता है. यही वजह है कि इसे “मिलिट्री ग्रेड एक्सप्लोसिव” कहा जाता है.

शहर के बीचोंबीच कैसे पहुंचा PETN?
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि ये खतरनाक एक्सप्लोसिव दिल्ली जैसे हाई-सिक्योरिटी जोन तक कैसे पहुंच गया. जांच एजेंसियां ये पता लगाने में जुटी हैं कि कौन सा नेटवर्क इसे शहर में लाया और क्या इसके पीछे किसी बड़े आतंकी संगठन का हाथ है. सूत्रों के मुताबिक, ये विस्फोटक शायद फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़ा हो सकता है, जहां हाल ही में 2500 किलो से ज्यादा विस्फोटक बरामद हुआ था.

डिटेक्शन करना बेहद मुश्किल
PETN की सबसे बड़ी चुनौती इसकी पहचान है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसे डिटेक्ट करना बेहद मुश्किल होता है, खासकर जब ये किसी दूसरी मटेरियल के साथ मिक्स किया गया हो. यही वजह है कि एयरपोर्ट्स और सिक्योरिटी चेक्स में भी इसे पकड़ना आसान नहीं होता. यही कारण है कि दुनिया के कई हाई-प्रोफाइल टेरर अटैक्स में PETN का इस्तेमाल किया गया है.

पहले भी मिल चुका है PETN का सुराग
दिल्ली पुलिस के लिए ये नाम नया नहीं है. 2011 में हुए दिल्ली हाईकोर्ट ब्लास्ट में भी PETN के ट्रेसेस मिले थे. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर, केरल और यूपी में भी कई बार PETN की रिकवरी हो चुकी है. हर बार इसके तार किसी न किसी आतंकी नेटवर्क से जुड़े मिले हैं.

साजिश का दायरा बढ़ा
एनआईए और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल अब इस पूरे नेटवर्क को खंगाल रही हैं. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि अगर लाल किला ब्लास्ट में PETN का इस्तेमाल हुआ है, तो इसके पीछे कोई बहुत संगठित और तकनीकी रूप से प्रशिक्षित ग्रुप शामिल है. फिलहाल जांच में इस बात की भी पड़ताल की जा रही है कि क्या फरीदाबाद में मिले विस्फोटक और लाल किला धमाके का कोई सीधा कनेक्शन है या नहीं.

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