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लाल किला धमाका: डॉक्टर निकला आतंकी नेटवर्क का मास्टरमाइंड, घरवालों को कहा था ‘तीन दिन में लौटूंगा’

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दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार रात हुई i20 कार धमाके की घटना ने पूरे देश को हिला दिया है। अब जांच में ऐसे खुलासे हो रहे हैं, जिन पर यकीन करना मुश्किल है। जिस कार में धमाका हुआ, उसे डॉ. उमर नबी भट चला रहा था, जो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला है। ये वही डॉक्टर है जिसने तीन दिन पहले अपने परिवार को फोन कर कहा था कि वो जल्दी लौट आएगा, लेकिन अब वो आतंकी नेटवर्क से जुड़ा बताया जा रहा है।

‘तीन दिन में लौट आऊंगा’
डॉ. उमर नबी भट ने शुक्रवार को अपने परिवार को फोन किया था। उसने कहा था कि वो लाइब्रेरी में है और परीक्षाओं की तैयारी में व्यस्त है। जब परिवार ने घर आने के लिए कहा तो उसने जवाब दिया, “तीन दिन में लौट आऊंगा।” इसके बाद उसका फोन बंद हो गया। सोमवार रात जब परिवार उसके आने का इंतजार कर रहा था तभी पुलिस गांव पहुंची और उसके पिता गुलाम नबी भट, भाई आशिक हुसैन और जहूर इलाही को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई। पुलिस ने उमर की मां का डीएनए सैंपल भी लिया है।

उमर की भाभी ने बताया क्या हुआ उस रात
उमर की भाभी मुजमिला अख्तर ने बताया, “सोमवार रात अचानक पुलिस की गाड़ियां घर के बाहर आकर रुकीं। पहले वो जहूर को ले गए, फिर थोड़ी देर बाद मेरे पति आशिक को भी ले गए। उनके मोबाइल भी ले लिए गए। जब हमने पूछा कि क्या हुआ, तो पुलिस ने बस इतना कहा ‘चिंता मत करो, सो जाओ।’”

कौन है डॉ. उमर नबी भट?
उमर पुलवामा के कोइल गांव का रहने वाला है। उसने एमबीबीएस और एमडी श्रीनगर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) से किया। वो NEET-PG के टॉपर्स में शामिल था। एमडी के बाद उसने GMC अनंतनाग में काम किया और फिर डेढ़ साल पहले फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में जॉइन किया। वो श्रीनगर की एक डॉक्टर से सगाई शुदा था और परिवार के अनुसार उसका किसी भी आपराधिक गतिविधि से कोई लेना-देना नहीं था। लेकिन अब पुलिस की जांच कुछ और कहानी बता रही है।

‘व्हाइट कॉलर ग्रुप’ का नेता बताया जा रहा उमर
दिल्ली पुलिस और जांच एजेंसियों का कहना है कि उमर एक ‘व्हाइट कॉलर ग्रुप’ का हिस्सा था। यानी ऐसा नेटवर्क जिसमें पढ़े-लिखे युवक आतंकी संगठनों की मदद कर रहे थे। पुलिस को शक है कि उमर इस ग्रुप का मुख्य मास्टरमाइंड था और धमाके की साजिश में उसकी अहम भूमिका थी।

फरीदाबाद से दो डॉक्टर और गिरफ्तार
जांच में खुलासा हुआ कि उमर का नाम तब सामने आया जब पुलिस ने फरीदाबाद से डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई को पकड़ा। पूछताछ में मुजम्मिल ने पुलिस को विस्फोटक और हथियारों के कई ठिकानों के बारे में जानकारी दी। इसके बाद ही उमर का नाम जांच एजेंसियों के रडार पर आया।

जांच में और भी खुलासों की उम्मीद
पुलिस को शक है कि ये नेटवर्क केवल दिल्ली या हरियाणा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके कई लिंक जम्मू-कश्मीर और विदेशी संगठनों तक जा सकते हैं। सुरक्षा एजेंसियां अब उमर के डिजिटल रिकॉर्ड, बैंक डिटेल और सोशल मीडिया कनेक्शन खंगाल रही हैं। देश के दिल लाल किले के पास हुआ ये धमाका अब एक बड़ी आतंकी साजिश की तरफ इशारा कर रहा है। जांच एजेंसियां इस मामले को लेकर अलर्ट पर हैं, और आने वाले दिनों में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।

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