कमरा-13 की डायरी से फूटा बम, ऑपरेशन का पूरा प्लान बेनकाब, Delhi Blast के काले राज से उठेगा पर्दा!
- Ankit Rawat
- 13 Nov 2025 06:53:07 PM
दिल्ली में लाल किले के पास हुए बम धमाकों की जांच में लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. पुलिस को फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में दो डॉक्टरों के हॉस्टल से नोटबुक्स और डायरी मिली हैं. इन साक्ष्यों ने पिछले दो साल से चल रही आतंकी साजिश के पूरे नक्शे को उजागर कर दिया.
डायरी में लिखी गई खौफनाक योजनाएं
सूत्रों के मुताबिक कमरा-13 में डॉ. मुजम्मिल गनई रहते थे और उमर उन-नबी कमरा-4 में रहते थे. यहां बरामद डायरी में 25 से 30 लोगों के नाम लिखे थे. जो ज्यादातर जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद के आसपास के इलाके के रहने वाले हैं. डायरी में कई कोडवर्ड्स, नाम, नंबर और तारीखें (8 से 12 नवंबर) लिखी थीं. जिससे साफ हुआ कि दोनों डॉक्टर इसी अवधि में कोई बड़ा हमला करने की तैयारी में थे. डायरी में कई बार "ऑपरेशन" शब्द लिखा गया जो आतंकी हमलों की योजना को दर्शाता है.
फरीदाबाद में हथियार और अमोनियम नाइट्रेट बरामद
जांच में पता चला कि धमाके के दौरान कार चला रहे उमर और मुजम्मिल ने फरीदाबाद में दो किराए के कमरे लिए थे. वहां से लगभग 3,000 किलो अमोनियम नाइट्रेट और हथियार बरामद हुए. ये दोनों कोविड काल के दौरान अल-फलाह यूनिवर्सिटी में शामिल हुए थे. उमर ने 2021 में जॉइन किया और मुजम्मिल छह महीने बाद शामिल हुआ.
यूनिवर्सिटी में ताबड़तोड़ कार्रवाई
फिलहाल जांच एजेंसी की टीमें अल-फलाह यूनिवर्सिटी में डटी हुई हैं. लगातार पूछताछ की जा रही है और यूनिवर्सिटी के अस्पताल के कंपाउंडर सहित कई स्टाफ को डिटेन किया गया है. एजेंसी के अनुसार डायरी और नोटबुक्स में लिखे कोड से यह साफ हो गया कि दोनों डॉक्टर लंबे समय से आतंकी साजिश की योजना में लगे थे.
फरीदाबाद से मिली फोर्ड ईको स्पोर्ट कार
उधर बुधवार को पुलिस ने फरीदाबाद के खंदावली गांव से लाल रंग की फोर्ड ईकोस्पोर्ट कार बरामद की. पुलिस अभी जांच कर रही है कि इसका इस्तेमाल धमाके में हुआ था या नहीं. फरीदाबाद पुलिस प्रवक्ता यशपाल ने बताया कि कार मिली है और इसकी जांच की जा रही है.
साजिश की पूरी तस्वीर आई सामने
जांच के दौरान नोटबुक्स और डायरी में लिखी गई योजनाओं ने आतंकियों की पूरी रणनीति उजागर कर दी. ये साक्ष्य साफ करते हैं कि धमाका अचानक नहीं हुआ बल्कि लंबे समय से तैयारी के बाद किया गया. एजेंसियां फिलहाल डायरी में बताए गए सभी नामों और उनके नेटवर्क का पता लगा रही हैं.
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