Delhi बम ब्लास्ट मामले में नया मोड़, 6 दिसंबर का खौफनाक प्लान फेल! Dr. Umar का राज खुला
- Ankit Rawat
- 13 Nov 2025 07:00:43 PM
दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए बम ब्लास्ट की जांच में अधिकारियों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. जांच में सामने आया कि ब्लास्ट में शामिल कार को चला रहा डॉक्टर उमर नबी का असली इरादा 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के मौके पर शक्तिशाली विस्फोट करने का था. अधिकारियों ने बताया कि फरीदाबाद के अंतरराज्यीय ‘सफेदपोश’ जैश-ए-मोहम्मद आतंकी मॉड्यूल से जुड़े आठ गिरफ्तार आरोपियों, उनके परिवार और पड़ोसियों से पूछताछ के बाद पूरे प्लान का ब्यौरा सामने आया है.
लाल किले पर अचानक विस्फोट
जांच में यह भी पता चला कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले का रहने वाला 28 साल के उमर नबी कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैले आतंकी नेटवर्क का अहम हिस्सा बनकर उभरा था. लाल किले पर हुए विस्फोट में 12 लोग मारे गए, जिनमें उमर भी शामिल था. अधिकारियों का कहना है कि यह विस्फोट जल्दीबाजी में हुआ और असल में उसका इरादा 6 दिसंबर के दिन बड़ा हमला करना था. फरीदाबाद में अल-फलाह विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई की गिरफ्तारी के साथ उमर की योजना नाकाम हो गई. गनई के कमरे से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ. माना जा रहा है कि उमर ने अचानक भय महसूस किया और विस्फोट आकस्मिक हो गया.
तुर्की यात्रा ने बदली थी सोच
अधिकारियों ने यह भी बताया कि 2021 में उमर और गनई की तुर्की यात्रा ने उनके भीतर कट्टरपंथ की भावना पैदा की. इस दौरान दोनों की मुलाकात प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद के सक्रिय कार्यकर्ताओं से हुई. यात्रा के बाद उमर और गनई ने मिलकर अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर जैसे विस्फोटक इकट्ठा करना शुरू किया और उन्हें अल-फलाह परिसर तथा उसके आसपास जमा करना शुरू किया.
जांच और नेटवर्क की गहन पड़ताल
जांच में सामने आया कि उमर नबी और गनई का नेटवर्क जम्मू कश्मीर और उत्तर भारत में फैला हुआ था. अधिकारियों ने बताया कि प्लानिंग का मकसद 6 दिसंबर को दहशत फैलाना और समाज में विभाजन पैदा करना था. गिरफ्तार आरोपियों से लगातार पूछताछ जारी है और उनके संपर्कों का पूरा नेटवर्क खंगाला जा रहा है. बता दें कि दिल्ली बम ब्लास्ट के खुलासे से सामने आया कि उमर नबी का असली लक्ष्य बड़ा हमला करना था, लेकिन लाल किले पर विस्फोट आकस्मिक निकला. फरीदाबाद और जम्मू कश्मीर के नेटवर्क की गिरफ्तारी ने इस खतरनाक प्लान को नाकाम कर दिया. अधिकारियों की सतर्कता और गिरफ्तारी की कार्रवाई ने बड़ी तबाही टाल दी.
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