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France की न्यूक्लियर मिसाइल ASMPA-R की पहली असली झलक की पहली तस्वीर, अब नौसेना भी करेगी इस्तेमाल

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फ्रांस ने अपनी नई पीढ़ी की न्यूक्लियर मिसाइल ASMPA-R की पहली साफ और क्लियर तस्वीरें जारी करके दुनिया को चौंका दिया है. अब तक दुनिया को सिर्फ इसके नाम और कुछ सीमित जानकारियों का ही अंदाजा था, लेकिन पहली बार मिसाइल का असली रूप सामने आया है. फ्रांस ने यह भी बता दिया है कि ये मिसाइल अब आधिकारिक तौर पर देश की नौसेना में शामिल हो चुकी है. नौसेना के रफाल M फाइटर जेट ने इसका टेस्ट लॉन्च भी कर दिया है जिसे ऑपरेशन डियोमेड नाम दिया गया.

न्यूक्लियर अटैक जैसी प्रोफाइल पर किया गया टेस्ट
फ्रांस की रक्षा मंत्री कैथरीन वॉट्रिन ने कहा कि टेस्ट के दौरान मिसाइल को उसी तरह उड़ाया गया जैसे असली न्यूक्लियर हमले में किया जाता है. मिसाइल में असली वारहेड नहीं था लेकिन फ्लाइट प्रोफाइल पूरी तरह ऑपरेशनल मोड जैसी ही थी. फ्रांस के रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि 10 नवंबर से ASMPA-R मिसाइल FANU यानी नेवल न्यूक्लियर एविएशन फोर्स का हिस्सा बन गई है. इससे पहले ये मिसाइल 2023 से फ्रेंच एयर एंड स्पेस फोर्स की स्ट्रैटेजिक एयर फोर्स में इस्तेमाल की जा रही थी. अब एयर फोर्स और नेवी दोनों रफाल फाइटर जेट से इसे लॉन्च कर पाएंगे.

पहली बार दिखी मिसाइल की असली झलक
पिछले साल फ्रांस ने मिसाइल की एक तस्वीर जारी की थी लेकिन वो काफी धुंधली थी. टेस्ट के दौरान भी सिर्फ हल्की सी झलक ही देखने को मिली थी. इस बार सामने आई तस्वीरों में मिसाइल को नजदीक से देखा जा सकता है. बाहर से देखने पर ये नई मिसाइल पहले वाले मॉडल ASMP-A जैसी ही दिखाई देती है. दोनों के बीच में दो एयर इनटेक मौजूद हैं जो रैमजेट इंजन को हवा देते हैं और मिसाइल को सुपरसोनिक स्पीड पर लेकर जाते हैं.

नए मॉडल में बड़ा बदलाव टेल सेक्शन में
नई मिसाइल में सबसे बड़ा फर्क इसके टेल फिन डिजाइन में नजर आ रहा है. पुराने मॉडल में पीछे छोटे फिन और आगे बड़े फिन होते थे. नए मॉडल में इसका उल्टा डिजाइन दिख रहा है. फ्रांस ने इसका कारण साफ नहीं बताया है लेकिन माना जा रहा है कि यह उड़ान के दौरान स्थिरता और कंट्रोल को बेहतर बनाने के लिए किया गया है.

फ्रांस की न्यूक्लियर ताकत में बड़ा इजाफा
ASMPA-R मिसाइल के नौसेना में शामिल होने के बाद फ्रांस की न्यूक्लियर स्ट्राइक क्षमता और मजबूत हो गई है. ये मिसाइल रफाल फाइटर जेट से लॉन्च होती है और सुपरसोनिक स्पीड के साथ दुश्मन के डिफेंस सिस्टम को चकमा देकर वार कर सकती है. अब दोनों सेनाओं के पास इसका इस्तेमाल करने का विकल्प मौजूद है जिससे फ्रांस की न्यूक्लियर डिटरेंस और ज्यादा घातक बन गई है.

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