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राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा: सारण में तेजस्वी-अखिलेश की एकजुटता, रोहिणी आचार्य शामिल, भोजपुर में लौंडा नाच से स्वागत

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सारण में वोटर अधिकार यात्रा का जोरदार आगाज़

30 अगस्त 2025 को बिहार के सारण जिले में वोटर अधिकार यात्रा ने एक नया रंग लिया, जब कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव, और समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक मंच पर आकर विपक्षी एकजुटता का शानदार प्रदर्शन किया। इस यात्रा के 14वें दिन, जो बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ शुरू की गई है, नेताओं ने जनता को संबोधित करते हुए "वोट चोरी" के खिलाफ अपनी लड़ाई को और तेज करने का संकल्प लिया। इस दौरान तेजस्वी और अखिलेश ने गले मिलकर न केवल अपनी सियासी दोस्ती बल्कि INDIA गठबंधन की ताकत को भी प्रदर्शित किया। RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य की मौजूदगी ने इस आयोजन को और खास बना दिया। यात्रा जब भोजपुर के आरा पहुंची, तो स्थानीय लोगों ने बिहार की पारंपरिक लोक नृत्य शैली लौंडा नाच के साथ नेताओं का भव्य स्वागत किया, जिसने इस सियासी अभियान को सांस्कृतिक रंग प्रदान किया।


वोटर अधिकार यात्रा: मिशन और महत्व

17 अगस्त 2025 को सासाराम के सुअरा हवाई अड्डे से शुरू हुई यह 16-दिवसीय यात्रा 1 सितंबर को पटना में एक विशाल रैली के साथ समाप्त होगी। 1,300 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करते हुए यह यात्रा बिहार के 20 से ज्यादा जिलों को कवर कर रही है, जिसमें सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, और अब सारण और भोजपुर शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं और "वोट चोरी" के खिलाफ जनजागरूकता फैलाना है। राहुल गांधी ने इसे एक "लोकतांत्रिक आंदोलन" करार देते हुए कहा, "वोट गरीब की ताकत, उसकी पहचान और उसका हक है। SIR के जरिए BJP और उनके सहयोगी इस अधिकार को छीनने की कोशिश कर रहे हैं। हम इसे होने नहीं देंगे।"

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने X पर अखिलेश यादव के शामिल होने की सराहना करते हुए इसे "लोकतंत्र की रक्षा के लिए ऐतिहासिक आंदोलन" बताया। उन्होंने कहा, "अखिलेश यादव ने हमेशा BJP के लोकतंत्र-विरोधी कदमों के खिलाफ मजबूत आवाज उठाई है।"


सारण में विपक्षी एकता का प्रदर्शन

सारण में आयोजित विशाल जनसभा में अखिलेश यादव ने तेजस्वी यादव के साथ गले मिलकर न केवल व्यक्तिगत दोस्ती बल्कि सियासी गठजोड़ की ताकत को भी उजागर किया। अखिलेश ने अपने संबोधन में BJP पर तीखा हमला बोला और कहा, "जैसे अवध की जनता ने 2024 के लोकसभा चुनाव में BJP को सबक सिखाया, वैसे ही मगध की जनता 2025 में BJP को बिहार से बाहर करेगी।" उनकी यह टिप्पणी बिहार में NDA सरकार, खासकर नीतीश कुमार की JDU-BJP गठबंधन, के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में देखी जा रही है।

रोहिणी आचार्य, जो सारण से अपनी सियासी पहचान बना रही हैं, ने भी जनता को संबोधित किया। उनकी मौजूदगी ने RJD समर्थकों, खासकर युवाओं और महिलाओं, में जबरदस्त उत्साह भरा। रोहिणी ने कहा, "बिहार की जनता अपने अधिकारों के लिए जाग चुकी है। हम हर हाल में वोटरों के हक की रक्षा करेंगे।" जनसभा में हजारों की भीड़ और रोड शो ने दिखाया कि यह यात्रा अब एक सियासी अभियान से बढ़कर जन-आंदोलन बन चुकी है।


भोजपुर में लौंडा नाच के साथ सांस्कृतिक स्वागत

यात्रा के अगले पड़ाव में, जब यह भोजपुर के आरा पहुंची, तो स्थानीय लोगों ने बिहार की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत करते हुए लौंडा नाच के साथ नेताओं का स्वागत किया। लौंडा नाच, जो बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश की लोकप्रिय नृत्य शैली है, सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजनों का अभिन्न हिस्सा है। इस पारंपरिक स्वागत ने यात्रा को एक उत्सवी रंग दिया और जनता के उत्साह को दर्शाया। तेजस्वी यादव ने इस अवसर पर कहा, "BJP संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर लोकतंत्र को कमजोर कर रही है। बिहार की जनता इस साजिश को नाकाम करेगी।"

राहुल गांधी ने भी भोजपुर में जनता को संबोधित करते हुए कहा, "वोट आपकी नागरिकता का आधार है। अगर आप इसे चोरी होने देंगे, तो आपकी पहचान और अधिकार खतरे में पड़ जाएंगे।" यह संदेश बिहार के मतदाताओं, खासकर युवाओं और वंचित वर्गों, में गहरी पैठ बना रहा है।


सियासी प्रभाव: बिहार में बदलाव की बयार

वोटर अधिकार यात्रा ने बिहार की सियासत को गरमा दिया है। अखिलेश यादव का PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूला, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सफल रहा, अब बिहार में महागठबंधन की रणनीति का हिस्सा बन रहा है। इस यात्रा में प्रियंका गांधी वाड्रा, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जैसे नेताओं की भागीदारी ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया है।

RJD प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, "इस यात्रा ने पूरे बिहार की जनता को सड़कों पर ला दिया है। यह एकजुट विपक्ष का प्रभाव है।" दूसरी ओर, BJP ने इस यात्रा को "पंक्चर टायर" करार देकर खारिज करने की कोशिश की, लेकिन विशाल जनसमर्थन ने उनकी इस टिप्पणी को कमजोर साबित किया।

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