Akhilesh बनाम आयोग: UP में छिड़ी नई जंग, वोटर लिस्ट घोटाले पर AI का ‘धमाकेदार’ खुलासा! आयोग ने Akhilesh को दिया करारा जवाब
- Ankit Rawat
- 06 Sep 2025 08:08:00 PM
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हाल ही में निर्वाचन आयोग पर निशाना साधा था। उन्होंने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी को लेकर सवाल उठाए थे। अब उत्तर प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयोग ने सोशल मीडिया साइट X पर अखिलेश के पोस्ट का जवाब देते हुए सारी बातें साफ कर दी हैं। आयोग ने बताया कि वोटर लिस्ट सुधारने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन ये काम भारत निर्वाचन आयोग से नहीं, बल्कि राज्य निर्वाचन आयोग से जुड़ा है।
अखिलेश ने क्या कहा था?
1 सितंबर को अखिलेश यादव ने X पर एक खबर का हवाला देते हुए निर्वाचन आयोग पर तंज कसा। उन्होंने लिखा कि अगर आयोग AI की मदद से सवा करोड़ की गड़बड़ी पकड़ सकता है, तो उनके द्वारा दिए गए 18,000 शपथ पत्रों में से बचे 17,986 का जवाब क्यों नहीं दे रहा? अखिलेश का इशारा 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले वोटर लिस्ट से गलत तरीके से नाम काटने के आरोपों की ओर था।
चार दिन बाद आयोग का जवाब
5 सितंबर को राज्य निर्वाचन आयोग ने अखिलेश के पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए जवाब दिया। आयोग ने साफ किया कि AI का इस्तेमाल वोटर लिस्ट में खामियां ढूंढने और सुधारने के लिए किया जा रहा है। लेकिन ये काम सिर्फ पंचायतीराज संस्थाओं और नगर निकायों के चुनावों के लिए हो रहा है, जो राज्य निर्वाचन आयोग के दायरे में आता है। लोकसभा, विधानसभा और विधान परिषद के चुनाव भारत निर्वाचन आयोग के जिम्मे हैं। आयोग ने कहा कि आम लोग और मीडिया अक्सर इन दोनों आयोगों के काम में फर्क नहीं समझते। यहां तक कि कई सरकारी अधिकारी भी इस अंतर को नहीं जानते। इसलिए इस मौके का फायदा उठाते हुए आयोग ने ये अंतर साफ किया।
18,000 शपथ पत्रों का क्या है मामला?
अखिलेश के 18,000 शपथ पत्रों के दावे पर भी आयोग ने जवाब दिया। आयोग ने बताया कि 4 सितंबर 2025 तक न तो जिला निर्वाचन अधिकारियों को और न ही मुख्य निर्वाचन अधिकारी के दफ्तर को एक भी मूल शपथ पत्र मिला है। आयोग ने वादा किया कि अगर मूल शपथ पत्र मिलते हैं, तो तुरंत जांच होगी और कार्रवाई की जाएगी। साथ ही इसकी जानकारी आम लोगों को दी जाएगी।
AI का इस्तेमाल क्यों और कैसे?
राज्य निर्वाचन आयोग ने बताया कि AI की मदद से पंचायत और नगर निकाय चुनावों की वोटर लिस्ट को और सटीक किया जा रहा है। ये तकनीक गलतियां ढूंढने और उन्हें ठीक करने में मदद करती है। लेकिन इसका भारत निर्वाचन आयोग से कोई लेना-देना नहीं है।
दोनों आयोगों में क्या है अंतर?
राज्य निर्वाचन आयोग: पंचायत और नगर निकाय चुनावों की वोटर लिस्ट तैयार करता है और इनके चुनाव करवाता है।
भारत निर्वाचन आयोग: लोकसभा, विधानसभा और विधान परिषद चुनावों की जिम्मेदारी संभालता है।
आयोग ने कहा कि इस अंतर को समझना जरूरी है ताकि भ्रम न रहे। अखिलेश के सवालों के बाद ये जवाब न सिर्फ उनकी बात का खंडन करता है, बल्कि लोगों को सही जानकारी भी देता है।
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