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Bihar Election 2025: Congress-RJD में सीट बंटवारे पर महाभारत, Rahul-Kharge की मीटिंग से निकलेगा हल !

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बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर टकराव गहराता जा रहा है। कांग्रेस और RJD के बीच तालमेल की कोशिशें जारी हैं लेकिन अब तक कोई ठोस सहमति बनती नहीं दिख रही। इसी मुद्दे पर चर्चा के लिए कांग्रेस ने दिल्ली में अहम बैठक बुलाई है जिसमें पार्टी आलाकमान खुद रणनीति तय करेगा। दिल्ली में होने वाली इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू और प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम समेत बिहार कांग्रेस के कई बड़े नेता शामिल होंगे। बैठक में RJD के साथ सीट बंटवारे पर मंथन होगा और आगे की रणनीति तय की जाएगी। साथ ही वोटर अधिकार यात्रा की समीक्षा भी इसमें हो सकती है।

सीट बंटवारे पर क्यों अटका मामला
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस करीब 60 सीटों की मांग कर रही है जबकि RJD उसे 50 सीटों पर ही मानने को तैयार है। पिछले चुनाव में कांग्रेस 70 सीटों पर लड़ी थी लेकिन इस बार हालात अलग हैं। महागठबंधन में नए सहयोगी जुड़ चुके हैं और सीपीआई एमएल भी ज्यादा सीटों की मांग कर रही है। यही वजह है कि RJD कांग्रेस को ज्यादा सीट देने के मूड में नहीं है।

नए सहयोगियों की वजह से बढ़ी मुश्किलें
इस बार महागठबंधन में मुकेश सहनी की वीआईपी और पशुपति पारस की पार्टी भी जुड़ गई है। वीआईपी 25 से 30 सीटों की मांग कर रही है जबकि पारस की पार्टी और झामुमो को करीब 5 सीटों में एडजस्ट करने की उम्मीद है। वहीं सीपीआई एमएल पिछली बार 19 सीटों पर लड़ी थी और इस बार 30 से कम पर मानने को तैयार नहीं है। उनका प्रदर्शन भी महागठबंधन में सबसे बेहतर रहा है। ऐसे में कांग्रेस के खाते में 50 सीटों के आसपास ही आने का अनुमान है।

वोटर अधिकार यात्रा से बढ़ा था कांग्रेस का आत्मविश्वास
बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के खिलाफ राहुल गांधी की अगुवाई में निकली वोटर अधिकार यात्रा ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बड़ा उत्साह दिया था। इस यात्रा में तेजस्वी यादव और अन्य सहयोगी दल भी शामिल हुए थे लेकिन केंद्र में कांग्रेस और राहुल गांधी ही रहे। इसी वजह से कांग्रेस का आत्मविश्वास बढ़ा और माना गया कि अब वो ज्यादा सीटों पर बातचीत कर पाएगी। हालांकि मौजूदा हालात में ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

RJD का बड़ा दावा, कांग्रेस पर दबाव
243 सदस्यीय विधानसभा में RJD पिछली बार 144 सीटों पर उतरी थी और इस बार भी उनकी दावेदारी करीब 140 सीटों की है। ऐसे में कांग्रेस के लिए ज्यादा सीटों पर बातचीत करना मुश्किल हो रहा है। कांग्रेस कुछ सीटें छोड़ने को तैयार है लेकिन बदले में अपनी पसंद की सीटों पर जोर दे रही है। यही वजह है कि महागठबंधन के भीतर बातचीत आगे नहीं बढ़ पा रही। अब देखने वाली बात ये होगी कि दिल्ली में होने वाली कांग्रेस की बैठक के बाद क्या कांग्रेस और RJD के बीच खींचतान खत्म होगी या फिर महागठबंधन के भीतर तनाव और बढ़ेगा

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