Abbas Ansari की धमाकेदार वापसी, UP की राजनीति में Abbas की एंट्री ने बढ़ाया तनाव, भड़काऊ भाषण से गिरी थी विधायकी
- Ankit Rawat
- 09 Sep 2025 05:56:28 PM
मऊ से सुभासपा के विधायक अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता फिर से बहाल हो गई है। 2022 के चुनाव में भड़काऊ भाषण देने के मामले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी। इस वजह से 1 जून 2025 को उनकी विधायकी छिन गई थी और मऊ सदर सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया था। अब्बास ने हार नहीं मानी और इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने राज्य सरकार, विधानसभा सचिवालय के प्रमुख सचिव, भारत निर्वाचन आयोग और मऊ के जिला मजिस्ट्रेट को पक्षकार बनाया। हाई कोर्ट ने 20 अगस्त 2025 को उनकी सजा को निलंबित कर दिया। इसके बाद विधानसभा सचिवालय ने सोमवार को अधिसूचना जारी कर उनकी सीट को रिक्त करने का फैसला रद्द कर दिया। अब अब्बास फिर से मऊ के विधायक हैं।
क्यों मिली अब्बास को राहत?
अब्बास अंसारी माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे हैं। 2022 में सुभासपा के टिकट पर मऊ सदर से जीतकर वो पहली बार विधायक बने। लेकिन मार्च 2022 में चुनाव प्रचार के दौरान एक रैली में उन्होंने कथित तौर पर मऊ प्रशासन को धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर सपा की सरकार बनी तो छह महीने तक कोई ट्रांसफर नहीं होगा और पहले "हिसाब-किताब" होगा। इस बयान का वीडियो वायरल हुआ और उनके खिलाफ FIR दर्ज हुई। कोर्ट ने उन्हें IPC की धारा 171F, 189, 153A, 506 और 120B के तहत दोषी ठहराया। दो साल की सजा की वजह से उनकी विधायकी चली गई। अब्बास ने मऊ सत्र न्यायालय में अपील की लेकिन वहां सजा तो रुकी पर दोषसिद्धि नहीं। फिर हाई कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई की और जस्टिस समीर जैन ने कहा कि निचली अदालत का फैसला गलत था। कोर्ट ने माना कि धारा 153A और 171F के तहत अपराध साबित नहीं हुआ। इस फैसले ने अब्बास की विधायकी बहाल कर दी।
सियासत में नया मोड़!
हाई कोर्ट के फैसले को अब्बास के वकील उपेंद्र उपाध्याय ने न्याय की जीत बताया। उनके भाई सिबगतुल्लाह अंसारी ने भी इसे इंसाफ की मिसाल कहा। इस फैसले से मऊ में उपचुनाव की जरूरत खत्म हो गई। सुभासपा, जो अब बीजेपी की सहयोगी है, के लिए ये बड़ा सियासी फायदा है। अब्बास का परिवार यूपी की सियासत में बड़ा नाम है। उनके पिता मुख्तार अंसारी लंबे समय तक मऊ से विधायक रहे। अब्बास की वापसी से सपा- सुभासपा गठबंधन की ताकत बढ़ सकती है। लेकिन यूपी सरकार इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है। अब्बास की विधायकी बहाली मऊ की जनता और उनके समर्थकों के लिए बड़ी राहत है।
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