Vice President Election 2025: Dhankhar की गुमशुदगी और Akhilesh का दावा, INDIA Bloc ने खेला बड़ा दांव?
- Ankit Rawat
- 09 Sep 2025 06:21:05 PM
भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के लिए 9 सितंबर 2025 को संसद भवन में वोटिंग हो रही है। इस बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला। वोट डालने के बाद उन्होंने कहा कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अचानक गायब क्यों हो गए? अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी "इस्तेमाल करो और फेंक दो" वाली पार्टी है। उन्होंने दावा किया कि जैसे ही नया उपराष्ट्रपति चुना जाएगा धनखड़ की गायब होने की सच्चाई सामने आएगी। 21 जुलाई 2025 को धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया था लेकिन विपक्ष का कहना है कि बीजेपी ने उन्हें दबाव में हटाया। अखिलेश के इस बयान ने सियासी हलकों में हंगामा मचा दिया है।
अखिलेश का कॉन्फिडेंस या रणनीति?
अखिलेश ने वोटिंग के बाद दावा किया कि इंडिया ब्लॉक इस चुनाव में बाजी मारेगा। ये बात तब आई जब NDA के पास 422 सांसदों का समर्थन है जो जीत के लिए जरूरी 391 वोटों से ज्यादा है। अखिलेश ने कहा कि रिजल्ट आने पर आंकड़े इंडिया ब्लॉक के पक्ष में होंगे। सोशल मीडिया पर कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि NDA के कुछ सांसद इंडिया ब्लॉक के लिए क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। हालांकि इसकी कोई पक्की खबर नहीं है। अखिलेश का ये आत्मविश्वास उनकी रणनीति का हिस्सा लगता है जिसमें वो क्षेत्रीय दलों को साथ लाने और NDA को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं।
NDA की बढ़त या होगा उलटफेर?
इस चुनाव में NDA ने महाराष्ट्र के गवर्नर सीपी राधाकृष्णन को उतारा है जबकि इंडिया ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी को। कुल 781 सांसदों (लोकसभा में 542 और राज्यसभा में 239) में से 769 वोटर हैं क्योंकि BJD, BRS और अकाली दल ने वोटिंग से दूरी बनाई है। NDA को YSR कांग्रेस के समर्थन से 430 वोट मिलने की उम्मीद है। दूसरी तरफ इंडिया ब्लॉक को कांग्रेस, सपा, TMC, AAP और AIMIM के साथ 300-324 वोट मिल सकते हैं। वोटिंग सुबह 10 बजे शुरू हुई और शाम 5 बजे तक चली। नतीजे रात तक आने की उम्मीद है।
सियासी जंग में नया मोड़!
अखिलेश का बयान सिर्फ बीजेपी को घेरने का हथियार नहीं बल्कि इंडिया ब्लॉक की एकता दिखाने की कोशिश भी है। कांग्रेस के जयराम रमेश ने भी धनखड़ के इस्तीफे को रहस्यमयी बताया और कहा कि वो 50 दिन से चुप क्यों हैं? विपक्ष का दावा है कि ये चुनाव संख्याओं से ज्यादा विचारधारा की लड़ाई है। NDA की मजबूत स्थिति के बावजूद अखिलेश का कॉन्फिडेंस सवाल उठाता है कि क्या सचमुच कोई बड़ा उलटफेर होने वाला है?
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