Azam Khan की 10 साल की सजा पर High Court का बड़ा फैसला आज, क्या मिलेगी राहत? दांव पर लगा राजनीतिक भविष्य!
- Ankit Rawat
- 10 Sep 2025 01:05:03 PM
समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री आजम खान के लिए आज का दिन अहम है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की जस्टिस समीर जैन की एकल पीठ दोपहर 2 बजे रामपुर के चर्चित डूंगरपुर मामले में उनकी अपील पर फैसला सुनाएगी। आजम खान ने रामपुर की MP-MLA कोर्ट द्वारा 30 मई 2024 को दी गई 10 साल की सजा को चुनौती दी है। इस मामले में ठेकेदार बरकत अली को भी सात साल की सजा हुई थी, जिन्होंने भी हाईकोर्ट में अपील की है। कोर्ट ने 12 अगस्त 2025 को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।
क्या है डूंगरपुर का पूरा मामला?
ये विवाद रामपुर की डूंगरपुर बस्ती से जुड़ा है। अगस्त 2019 में अबरार नाम के शख्स ने आजम खान, रिटायर्ड पुलिस अधिकारी आले हसन खान और ठेकेदार बरकत अली पर गंज थाने में केस दर्ज कराया। अबरार का आरोप था कि दिसंबर 2016 में इन लोगों ने उनके साथ मारपीट की, घर में तोड़फोड़ की और जान से मारने की धमकी दी। इतना ही नहीं, उनका मकान भी जेसीबी से तोड़ दिया गया। डूंगरपुर बस्ती में 2016 में मकानों को कथित तौर पर ध्वस्त कर आसरा कॉलोनी बनाई गई थी। इस दौरान लूट, चोरी और मारपीट के 12 केस गंज थाने में दर्ज हुए थे।
कोर्ट में क्या-क्या हुआ?
12 अगस्त को हाईकोर्ट में आजम खान के वकील इमरान उल्लाह ने दलील दी कि अबरार ने 2016 की घटना की शिकायत 2019 में की, जो संदिग्ध है। उन्होंने कहा कि अबरार ने देरी का कारण आजम का रसूख बताया, लेकिन 2017 के बाद आजम मंत्री नहीं थे। वकील ने निचली अदालत के फैसले को गलत ठहराया। दूसरी ओर, अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने अपील का विरोध करते हुए कहा कि निचली अदालत का फैसला सही है और अभियोजन ने आरोप साबित किए। आजम का आपराधिक इतिहास भी उनके खिलाफ गया।
क्यों अहम है ये फैसला?
आजम खान अभी जेल में हैं और ये फैसला उनके लिए बहुत मायने रखता है। अगर हाईकोर्ट सजा को बरकरार रखता है, तो उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वहीं, राहत मिलने पर उनके सियासी करियर को नया बल मिल सकता है। ये फैसला डूंगरपुर के अन्य मामलों के लिए भी मिसाल बन सकता है। सबकी नजरें दोपहर 2 बजे के ऐलान पर टिकी हैं।
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