Nepal Crisis: Shah-Lamichhane हुए आउट, अब Sushila Karki के हाथ में सत्ता की कमान?
- Ankit Rawat
- 11 Sep 2025 12:13:16 PM
नेपाल में Gen-Z प्रोटेस्ट ने हालात बेहद बिगाड़ दिए हैं. राजधानी काठमांडू और दूसरे शहरों में हुई हिंसा में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है और 2000 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. भारी दबाव के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया. इसके बाद नए प्रधानमंत्री की खोज शुरू हो गई है. अब सबसे ज्यादा चर्चा पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नाम की हो रही है.
सुशीला कार्की पर टिक रही नजरें
Gen-Z आंदोलन के नेताओं और प्रदर्शनकारियों ने सुशीला कार्की पर भरोसा जताया है. वो नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं और ईमानदारी के लिए उनकी छवि बेहद मजबूत मानी जाती है. आंदोलनकारियों का मानना है कि मौजूदा हालात में देश को एक निष्पक्ष और मजबूत नेतृत्व की जरूरत है, जो अंतरिम सरकार के जरिए नए चुनाव करवा सके.
बालेंद्र शाह ने किया समर्थन का ऐलान
काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह का नाम भी अंतरिम प्रधानमंत्री पद की दौड़ में था. लेकिन उन्होंने अचानक अपना नाम वापस ले लिया और साफ कहा कि वो देश के हित में सुशीला कार्की का समर्थन करते हैं. शाह ने कहा, "देश एक अलग तरह की स्थिति से गुजर रहा है, जो शायद इतिहास में पहली बार है. युवाओं का जोश और उम्मीद साफ दिख रही है. अब हमें धैर्य रखना होगा. मैं सुशीला कार्की का पूर्ण समर्थन करता हूं क्योंकि देश को उनकी समझदारी और ईमानदारी की जरूरत है."
रवि लामिछाने भी हटे पीछे
अंतरिम प्रधानमंत्री पद की रेस में एक और बड़ा नाम था रवि लामिछाने का. लेकिन उन्होंने भी इस दौड़ से खुद को अलग कर लिया है. इसके बाद सुशीला कार्की का नाम सबसे मजबूत दावेदार के रूप में सामने आया है.
Gen-Z की बैठक में लिया गया फैसला
सूत्रों के मुताबिक Gen-Z आंदोलनकारियों की करीब चार घंटे चली वर्चुअल बैठक में सुशीला कार्की को प्रतिनिधित्व के लिए चुना गया. आंदोलनकारियों का मानना है कि वो ही अंतरिम सरकार की सही नेता साबित हो सकती हैं. उनका काम केवल नए चुनाव करवाना और देश को एक नई राह देना होगा.
नेपाल के लिए नए रास्ते की तलाश
नेपाल इस वक्त एक ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ा है. सत्ता खाली है, जनता सड़कों पर है और हालात नियंत्रण से बाहर होते जा रहे हैं. ऐसे में सबकी नजर इस बात पर है कि क्या सुशीला कार्की अंतरिम प्रधानमंत्री बनकर देश को स्थिरता दिला पाएंगी या हालात और बिगड़ेंगे.
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *



