Nepal की आग बुझाएंगी Sushila Karki! Varanasi में मिला पहला प्यार, अब अंतरिम PM बनने को तैयार!
- Ankit Rawat
- 11 Sep 2025 03:44:04 PM
नेपाल इन दिनों भारी उथल-पुथल से गुजर रहा है। सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जेन-जी युवाओं का प्रदर्शन हिंसा में बदल गया। 30 से ज्यादा मौतें हुईं, संसद और सुप्रीम कोर्ट जला दिए गए, 13,000 कैदी जेल तोड़कर फरार हो गए। पीएम केपी शर्मा ओली और राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल को इस्तीफा देना पड़ा। सेना ने कमान संभाली और कर्फ्यू लगा दिया। अब सवाल ये है कि सेना कब तक चलेगी या कोई नया चेहरा देश संभालेगा। इसी बीच सुशीला कार्की का नाम जोर-शोर से चर्चा में है। जेन-जी प्रोटेस्टर्स ने उन्हें इंटरिम पीएम चुना है। 73 साल की पूर्व चीफ जस्टिस कार्की को भ्रष्टाचार विरोधी इमेज की वजह से सपोर्ट मिला। वो नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस रहीं और अब पहली महिला पीएम बन सकती हैं।
कौन हैं सुशीला कार्की, न्याय की मिसाल
सुशीला कार्की नेपाली ज्यूरिस्ट हैं जो सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस रह चुकी हैं। 7 जून 1952 को बिराटनगर में जन्मीं। 1972 में महेंद्र मोरंग कैंपस से बीए किया। 1975 में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में मास्टर्स लिया। 1978 में त्रिभुवन यूनिवर्सिटी से लॉ ग्रेजुएट हुईं। 1979 में विराटनगर में वकालत शुरू की। 2016 में चीफ जस्टिस बनीं लेकिन 10 महीने बाद रिटायर हो गईं। उनके फैसलों ने भ्रष्टाचारियों को जेल भिजवाया। 2017 में इम्पीचमेंट मोशन का सामना किया लेकिन पब्लिक सपोर्ट से बच गईं। अब जेन-जी ने वर्चुअल मीटिंग में 5,000 से ज्यादा युवाओं ने उनका नाम चुना। काठमांडू मेयर बालेंद्र शाह ने भी सपोर्ट किया। कार्की ने कहा कि वो जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं और प्रोटेस्ट में मारे गए युवाओं के परिवारों की मदद करेंगी।
बनारस से गहरा कनेक्शन
सुशीला का भारत से पुराना रिश्ता है खासकर यूपी के वाराणसी से। 1970 के दशक में बीएचयू पहुंचीं जहां हॉस्टल में रहकर पढ़ाई की। वो शांत और मेहनती स्टूडेंट थीं। लाइब्रेरी और क्लासेस के बीच समय बितातीं। यहीं उनकी मुलाकात हुई दुर्गा प्रसाद सुबेदी से जो नेपाली कांग्रेस के युवा लीडर थे। जोशीला और लोकप्रिय दुर्गा के साथ किताबों और आइडियाज के बीच प्यार पनपा। सुशीला करियर पर फोकस्ड थीं जबकि दुर्गा में जनसेवा की चमक थी। ये समान विचारों ने उन्हें करीब लाया। बीएचयू की गलियां और गंगा के किनारे बिताए पल आज भी याद हैं। दोनों ने शादी कर ली। सुशीला ने कहा कि बीएचयू ने न सिर्फ डिग्री दी बल्कि डांस भी सिखाया। उन्हें नौकरी का ऑफर मिला लेकिन किस्मत ने कुछ और लिखा। अब बनारस की यादें उन्हें भारत से जोड़ती हैं।
कार्की को सेना चीफ जनरल अशोक राज सिग्देल से मिलना है फिर राष्ट्रपति से अप्रूवल लेना पड़ेगा। जेन-जी ग्रुप ने कहा कि कोई पॉलिटिकल लिंक वाले युवा नहीं। कार्की की न्यूट्रल इमेज फिट बैठती है। नेपाल में 20% युवा बेरोजगार हैं, रोज 2,000 नेपाल छोड़ते हैं। कार्की का फोकस करप्शन खत्म करना और इकोनॉमी सुधारना होगा। भारत ने शांति की अपील की है। पीएम मोदी को सुशीला ने नमस्कार कहा और कहा कि इंडियन लीडर्स से इम्प्रेस्ड हूं। नेपाल-भारत रिश्ते मजबूत हैं। अगर कार्की कमान संभालेंगी तो इतिहास बनेगा। युवाओं का ये चॉइस देश को नई दिशा दे सकता है।
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *



