“राहुल गांधी ने झूठ फैलाया, मेरा नंबर फर्जी दिखाया”, प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद मचा बवाल, अंजनी बोले- मेरी निजता से खिलवाड़ हुआ
- Ankit Rawat
- 19 Sep 2025 02:09:17 PM
राहुल गांधी की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस अब खुद विपक्ष के लिए सिरदर्द बनती जा रही है। प्रयागराज के रहने वाले अंजनी मिश्रा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि उनका मोबाइल नंबर और पहचान गलत तरीके से एक फर्जी वोटर केस में इस्तेमाल की गई है। अंजनी ने साफ कहा कि वो अब इस मामले में पुलिस से शिकायत करेंगे क्योंकि उनकी निजता का गंभीर उल्लंघन हुआ है।
“मैं कभी महाराष्ट्र नहीं गया, फिर मेरा नंबर वहां कैसे पहुंचा?”
अंजनी मिश्रा प्रयागराज के मेजा इलाके के रहने वाले हैं और एक साइबर कैफे चलाते हैं। उन्होंने बताया कि 18 सितंबर को जब राहुल गांधी ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो उसके कुछ घंटों बाद ही उनके मोबाइल पर अचानक सैकड़ों कॉल्स आने लगे। एक कॉलर ने बताया कि उनका नंबर एक फर्जी वोटर केस से जुड़ गया है जिसे राहुल गांधी ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाया। मिश्रा ने हैरानी जताते हुए कहा, “मैं कभी महाराष्ट्र गया ही नहीं, ना ही मैंने वहां कोई वोटर आईडी बनवाई। जो वोटर कार्ड प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाया गया वो पूरी तरह से फर्जी है। मेरे नंबर को जबरन जोड़कर गलत प्रचार किया गया है।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या हुआ था?
18 सितंबर को राहुल गांधी ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में कांग्रेस समर्थकों के वोट सिस्टम से हटाए जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि कुछ फर्जी वोटर आईडी और मोबाइल नंबर सॉफ्टवेयर के जरिए जोड़े गए हैं। इसी दौरान पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन में कुछ वोटर कार्ड और मोबाइल नंबर दिखाए गए, जिनमें से एक नंबर अंजनी मिश्रा का निकला। राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त पर लोकतंत्र को कमजोर करने वालों को बचाने का आरोप भी लगाया। हालांकि चुनाव आयोग ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ये बातें गलत और बेबुनियाद हैं।
“राहुल गांधी की वजह से परेशानी बढ़ी ”
अंजनी मिश्रा ने कहा कि उनका नंबर पिछले 15 साल से एक्टिव है और वो इसे अपने काम और पर्सनल लाइफ दोनों में इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने बताया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद से अब तक उन्हें सैकड़ों अनजान कॉल्स आ चुकी हैं जिससे उनका कामकाज और मानसिक शांति दोनों बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने बिना जांचे मेरा नंबर सार्वजनिक किया और अब उसका नतीजा मैं भुगत रहा हूं। मुझे बदनाम किया गया है और मेरा पेशा भी प्रभावित हुआ है।”
कांग्रेस पर बड़ा सवाल
अंजनी मिश्रा का कहना है कि वो इस मामले में पुलिस से शिकायत करेंगे और कानूनी कार्रवाई की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि ये सिर्फ उनकी निजता का उल्लंघन नहीं है बल्कि झूठे दावे करके देश के सामने एक गलत तस्वीर पेश की गई है। उन्होंने मांग की कि इस मामले की पूरी जांच हो और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाए।
क्या विपक्ष के लिए मुसीबत बन रहा ये मामला?
इस विवाद ने कांग्रेस के ‘वोट चोरी’ अभियान को थोड़ा कमजोर कर दिया है। जहां कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कांग्रेस के अन्य नेता राहुल गांधी के समर्थन में उतर आए हैं, वहीं प्रयागराज के अंजनी मिश्रा जैसे आम नागरिक का बयान अब विपक्ष को बैकफुट पर ला रहा है।
कानूनी जानकारों का कहना है कि अगर अंजनी मिश्रा का नंबर और पहचान बिना इजाजत इस्तेमाल की गई है तो ये आईटी एक्ट के तहत गंभीर अपराध है और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई संभव है।
अब देखना ये है कि अंजनी मिश्रा की शिकायत पर पुलिस क्या कदम उठाती है और क्या राहुल गांधी या कांग्रेस इस पर कोई सफाई देते हैं या नहीं।
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