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Gen-Z क्रांति की बात Rahul को पड़ सकती है भारी? जानिए कैसे उल्टा पड़ रहा है Congress का दांव

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राहुल गांधी ने जब जेनरेशन-Z को लोकतंत्र का रक्षक बताया और बदलाव का वाहक कहा, तो उन्होंने शायद सोचा नहीं था कि इसका राजनीतिक असर उल्टा पड़ सकता है। उन्होंने हाल ही में अपने बयान में बिना नाम लिए नेपाल के Gen-Z आंदोलन का ज़िक्र किया और कहा कि भारत में भी अब युवाओं की ये पीढ़ी संविधान और वोट की रक्षा करेगी। लेकिन उनके इसी बयान ने कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

राहुल ने क्या कहा था?
राहुल गांधी ने एक्स  पर पोस्ट किया, "देश का युवा, देश के छात्र, देश की जेनरेशन Z संविधान बचाएगी, लोकतंत्र की रक्षा करेगी, वोट की चोरी रोकेगी। मैं हमेशा उनके साथ खड़ा हूं। जय हिंद!" हालांकि उन्होंने नेपाल का नाम नहीं लिया लेकिन संदर्भ साफ था। हाल ही में नेपाल में जेन-Z युवाओं ने भ्रष्टाचार और वंशवाद के खिलाफ आंदोलन किया था, जिसमें हिंसा, आगजनी और मौतें तक हुई थीं।

क्यों उल्टा पड़ गया कांग्रेस का प्लान?
समस्या ये है कि नेपाल का Gen-Z आंदोलन जिन मुद्दों पर हुआ था यानी भ्रष्टाचार और वंशवाद, वही तो कांग्रेस की सबसे बड़ी पहचान रही है। बीजेपी ने तुरंत पलटवार किया और राहुल पर हमला बोला कि जो बातें नेपाल में सत्ता के खिलाफ उठीं, वो बातें भारत में खुद कांग्रेस पर लागू होती हैं।

बीजेपी बोली – राहुल खुद को एक्सपोज कर रहे
बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, "राहुल गांधी जेन-Z आंदोलन का नाम लेकर खुद ही कांग्रेस के भ्रष्टाचार और वंशवाद को उजागर कर रहे हैं।" उनका कहना है कि जिस क्रांति की बात राहुल कर रहे हैं, अगर भारत में हो गई तो सबसे पहले कांग्रेस को ही इसका शिकार होना पड़ेगा।

विपक्ष में भी पड़ी दरार
राहुल गांधी के बयान पर शिवसेना के संजय राउत ने भी कहा कि भारत में भी नेपाल जैसा आंदोलन हो सकता है। लेकिन जेडीयू के नेता नीरज कुमार ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा कि भारत न तो नेपाल है, न बांग्लादेश। भारत एक मजबूत लोकतंत्र है और यहां ऐसी बातें बेमतलब की हैं।

बीजेपी नेता का विवादित बयान
बीजेपी नेता सुब्रत पाठक ने तो राहुल और अखिलेश यादव पर सीधा हमला करते हुए कहा कि अगर नेपाल जैसी क्रांति भारत में हुई तो लोग इनके घरों को आग लगा देंगे। ये बयान काफी विवादास्पद रहा लेकिन इसने यह साफ कर दिया कि राहुल के बयान को बीजेपी पूरे दम से हथियार बना रही है।

राहुल की रणनीति बना कांग्रेस की मुश्किल
राहुल गांधी की रणनीति थी युवा मतदाताओं को जोड़ने की, लेकिन उन्होंने जिस आंदोलन का हवाला दिया वो खुद उनकी पार्टी के खिलाफ खड़ा हो गया है। जब वो भ्रष्टाचार और वंशवाद के खिलाफ युवाओं की बात करते हैं, तो सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस इन दोनों समस्याओं से खुद जूझ नहीं रही?

बता दें कि  राहुल गांधी का Gen-Z कार्ड अब कांग्रेस को बैकफुट पर ला रहा है। जहां वो युवाओं में नया जोश भरने की कोशिश कर रहे थे, वहीं ये बयान बीजेपी को बैठे-बिठाए बड़ा राजनीतिक हथियार दे गया। अब देखना है कि कांग्रेस इस उलझन से बाहर निकलती है या नहीं।

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