Azam Khan रिहाई परवाना मिलने के बाद भी सीतापुर जेल में क्यों फंसे हैं, जानें पूरा कानूनी दांव पेंच
- Shubhangi Pandey
- 20 Sep 2025 05:34:00 PM
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनके 53 मुकदमों में रिहाई परवाने जारी कर दिए हैं और उन्हें सीतापुर जेल भेजा गया है, लेकिन अब तक वे रिहा नहीं हो पाए हैं. ये सवाल सभी के जेहन में है कि आखिर क्यों रिहाई के बाद भी आजम खान जेल में हैं.
रिहाई परवाना क्या होता है?
रिहाई परवाना अदालत द्वारा जारी किया गया आधिकारिक आदेश होता है, जो किसी कैदी को जेल से रिहा करने की अनुमति देता है. इसे कैदी की रिहाई की कानूनी प्रक्रिया के रूप में देखा जाता है. अदालत के निर्णय के बाद ही यह प्रक्रिया पूरी होती है और कैदी बाहर निकल सकता है.
रिहाई की प्रक्रिया
सबसे पहले अदालत किसी व्यक्ति की सजा पूरी होने या जमानत मिलने के बाद रिहाई का आदेश जारी करती है. इस आदेश को परवाना कहा जाता है. इस परवाने की कॉपी आमतौर पर अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की जाती है या किसी कर्मचारी के माध्यम से जेल तक पहुंचाई जाती है. जेल प्रशासन इस परवाने की जांच करता है और सुनिश्चित करता है कि आदेश सही व्यक्ति के लिए है. इसके बाद ही जेल प्रशासन कैदी को निर्धारित समय के अनुसार रिहा करने की प्रक्रिया शुरू करता है.
आजम खान के मामले में पेंच
अमूमन परवाना मिलने के बाद कैदी रिहा हो जाता है, लेकिन आजम खान के मामले में कुछ कानूनी पेच फंसा हुआ है. सूत्रों की मानें तो उनके खिलाफ पुराने मामले में कुछ नई धाराएं जोड़ी जा रही हैं. इसी वजह से जेल प्रशासन फिलहाल रिहाई के आदेश पर अमल नहीं कर रहा है. कानून की जटिलताओं और नए मामलों की जांच के चलते कोर्ट ने अभी रिहाई पर अंतिम निर्णय रोक रखा है. इस वजह से रिहाई परवाना मिलने के बावजूद आजम खान को जेल में रहना पड़ रहा है.
क्या हो सकता है आगे?
अगर पुराने मामलों में नई धाराओं को लागू कर दिया गया तो आजम खान की रिहाई आगे भी टल सकती है. दूसरी ओर, कोर्ट अगर बढ़ी हुई धाराओं को स्वीकार नहीं करती या कोई नया आदेश नहीं आती, तो जल्द ही वे जेल से बाहर आ सकते हैं.
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