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रिहा हुए आजम खान... क्या अब जाएंगी बीएसपी के साथ हाथ? मायावती के सबसे करीबी नेता का बड़ा बयान आया सामने

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जेल से रिहा हो चुके समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान को लेकर अब एक नई सियासी हलचल शुरू हो गई है। चर्चाएं तेज हैं कि क्या आजम खान अब बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) का दामन थामेंगे? इस बीच बीएसपी के एकमात्र विधायक और मायावती के बेहद करीबी माने जाने वाले उमाशंकर सिंह ने इस पर बड़ा बयान दिया है, जिससे राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई है।

"आजम खान आए तो बीएसपी मजबूत होगी" – उमाशंकर सिंह
बीएसपी विधायक उमाशंकर सिंह ने साफ कहा है कि अगर आजम खान बीएसपी में आते हैं तो पार्टी को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा, "आजम खान का बीएसपी में स्वागत है। वो आएंगे तो हमारा वोटबैंक मजबूत होगा। मायावती जी पर भरोसा किया जा सकता है, उन्होंने हमेशा अल्पसंख्यकों को सम्मान दिया है।" उमाशंकर ने आगे कहा कि जब मायावती यूपी की मुख्यमंत्री थीं, तब नसीमुद्दीन सिद्दीकी को 22-22 विभाग दिए गए थे, जो अल्पसंख्यकों के सम्मान की बड़ी मिसाल है।

तंजीन फातिमा की मीटिंग बनी चर्चा का विषय
आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा की बीएसपी के किसी बड़े नेता से मुलाकात की खबरों ने इस अटकल को और हवा दे दी है। हालांकि इस पर उमाशंकर सिंह ने कहा कि उन्हें किसी मुलाकात की जानकारी नहीं है, लेकिन वो ये जरूर मानते हैं कि अगर आजम खान आते हैं तो उनका स्वागत होगा। "एक वोट भी जुड़ता है, तो पार्टी मजबूत होती है", ये कहकर उमाशंकर ने संकेत जरूर दे दिए कि दरवाजे खुले हैं।

बीएसपी में जगह है, लेकिन फैसला आजम का
उमाशंकर सिंह ने कहा, "हर व्यक्ति का बीएसपी में स्वागत है। पहले वो आएं तो सही, फिर देखेंगे। अभी तक मायावती जी से उनकी कोई मुलाकात हुई है, ऐसी कोई जानकारी हमें नहीं है।" मतलब साफ है बीएसपी आजम खान को खुले मन से पार्टी में शामिल करने को तैयार है, लेकिन पहला कदम आजम को ही उठाना होगा।

2027 में सरकार बनाने का दावा
बीएसपी विधायक ने भरोसा जताया कि 2027 में यूपी में बीएसपी की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा, "मायावती जी पर भरोसा किया जा सकता है, और आजम साहब जैसे नेता अगर साथ आते हैं, तो ये भरोसा और मजबूत होता है।"

आजम की चुप्पी लेकिन हलचल जारी
आजम खान अभी तक इन अटकलों पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। उनकी रिहाई के बाद न तो उन्होंने प्रेस से बात की और न ही सियासी संकेत दिए। मगर जिस तरह से बीएसपी के बड़े चेहरे बयान दे रहे हैं, उससे साफ है कि सियासी गोटियां बिछनी शुरू हो गई हैं। सवाल बड़ा है – क्या आजम खान अब सपा से दूरी बनाकर बीएसपी की तरफ बढ़ेंगे? या फिर अखिलेश यादव के उस वादे पर भरोसा करेंगे जिसमें उन्होंने सरकार बनते ही सारे केस वापस लेने की बात कही थी?

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