Rampur बॉर्डर पर रोका गया Azam Khan का काफिला, पुलिस से झड़प, बोले- कितना और जुल्म करोगे?
- Ankit Rawat
- 23 Sep 2025 06:00:00 PM
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान जैसे ही सीतापुर जेल से रिहा होकर अपने गृह जनपद रामपुर पहुंचे, माहौल गर्मा गया। मंगलवार शाम करीब पौने पांच बजे उनका काफिला मिलक-बरेली बॉर्डर पर दाखिल हुआ, जहां पुलिस ने सुरक्षा जांच के नाम पर उन्हें रोक लिया। आज़म खान के साथ बड़ी संख्या में समर्थकों की गाड़ियां चल रही थीं लेकिन पुलिस ने सभी वाहनों को रामपुर जाने की अनुमति नहीं दी। ये देख सपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा और पुलिस से नोकझोंक शुरू हो गई।
आजम बोले- क्यों परेशान कर रहे हो?
काफिले को रोके जाने से आज़म खान भी नाराज हो गए। उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों से साफ-साफ कहा, "क्यों परेशान कर रहे हो? कितना जुल्म करोगे? कार्यकर्ताओं की सभी गाड़ियों को जाने दो। आपका कोई इंतजाम सही नहीं है।" पुलिस ने उनकी मुख्य गाड़ी और साथ चल रही पांच अन्य गाड़ियों को तो आगे जाने दिया, लेकिन बाकी सभी वाहनों को वहीं रोक दिया गया। प्रशासन की तरफ से कहा गया कि सुरक्षा कारणों से एक बार में सिर्फ पांच गाड़ियों को ही आगे भेजा जाएगा।
रामपुर में बढ़ाई गई सुरक्षा
रामपुर में आज़म खान की वापसी को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। जिले के अंदर कई जगहों पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि काफिले की निगरानी की जाए और किसी भी अप्रिय स्थिति से सख्ती से निपटा जाए।
जेल से रिहा होकर भावुक हुए आज़म
सीतापुर जेल से बाहर आते वक्त आज़म खान काफी भावुक नजर आए। उन्होंने कहा, "पत्ता-पत्ता, बूटा-बूटा हमारी हालत जानता है।" ये शायरी उनके दर्द को बयान कर रही थी। उन्होंने कहा कि वो अब सबसे पहले अपना इलाज कराएंगे और फिर सोचेंगे कि आगे क्या करना है। बसपा में शामिल होने की अटकलों पर उन्होंने जवाब देने से इनकार किया और कहा कि इस पर कुछ नहीं कह सकते।
समर्थकों को दिया धन्यवाद
शाहजहांपुर में आज़म खान ने उन सभी लोगों को धन्यवाद दिया जो उनकी लड़ाई में साथ रहे। उन्होंने कहा, "जो लोग मेरा समर्थन करते रहे, उन्हें मेरा आशीर्वाद है।" उन्होंने बताया कि पिछले पांच साल से वो पूरी तरह संपर्क से बाहर रहे। जेल में उन्हें किसी से मिलने या फोन करने की अनुमति नहीं थी।
आज़म की वापसी पर सियासत गरम
आज़म खान की जेल से रिहाई के बाद से ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। रामपुर बॉर्डर पर काफिले को रोके जाने और पुलिस से झड़प ने माहौल को और गर्मा दिया है। हालांकि प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है लेकिन समर्थकों का जोश थमने का नाम नहीं ले रहा। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि आज़म खान आगे क्या कदम उठाते हैं।
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