अखिलेश का बड़ा ऐलान, आजम खान के फर्जी केस होंगे खत्म!
- Shubhangi Pandey
- 24 Sep 2025 11:17:38 PM
समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने आजम खान की जेल से रिहाई का जोरदार स्वागत किया है। मंगलवार को सीतापुर जेल से 23 महीने बाद जमानत पर रिहा हुए आजम खान के लिए अखिलेश ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अगर यूपी में सपा की सरकार बनी, तो आजम खान और अन्य लोगों पर दर्ज सभी “फर्जी मुकदमे” वापस ले लिए जाएंगे। लेकिन क्या ये ऐलान सचमुच आजम को हमेशा के लिए जेल से बचा पाएगा? आइए जानते हैं इस वादे में कितनी सच्चाई है।
आजम खान की रिहाई, सपा में खुशी की लहर
रामपुर से 10 बार विधायक और सपा के दिग्गज नेता आजम खान मंगलवार को सीतापुर जेल से बाहर आए। क्वालिटी बार भूमि अतिक्रमण और अन्य मामलों में वो 23 महीने से जेल में थे। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, उनके खिलाफ 111 आपराधिक केस दर्ज हैं, लेकिन अब सभी में जमानत मिल चुकी है। जेल से बाहर निकलते ही उनके बेटे अदीब और समर्थकों की भीड़ ने गर्मजोशी से स्वागत किया। भीड़ इतनी थी कि पुलिस को ड्रोन से निगरानी करनी पड़ी। आजम 2022 में जमानत पर रिहा हुए थे, लेकिन 2023 में नए केस दर्ज होने पर फिर जेल गए। उनके वकील का दावा है कि कई मामले राजनीति से प्रेरित हैं।
अखिलेश का वादा: फर्जी केस होंगे खत्म
अखिलेश ने आजम को सपा का मजबूत स्तंभ बताते हुए कहा कि उनकी रिहाई से पार्टी को ताकत मिली है। उन्होंने योगी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि बीजेपी ने अपने नेताओं के केस वापस लिए, लेकिन आजम जैसे नेताओं को झूठे मामलों में फंसाया। अखिलेश ने वादा किया कि सपा सरकार बनने पर आजम, पत्रकारों और अन्य पीड़ितों के खिलाफ फर्जी केस वापस होंगे।
क्या कहता है कानून?
भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 321 के तहत सरकार केस वापस लेने की सिफारिश कर सकती है, लेकिन आखिरी फैसला कोर्ट का होता है। हर केस की प्रकृति पर निर्भर करता है कि उसे वापस लिया जा सकता है या नहीं। पहले भी बीजेपी सरकार ने 2017 में योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य जैसे नेताओं के केस वापस लिए थे। बिहार और तमिलनाडु में भी ऐसे उदाहरण मिलते हैं।
राह आसान नहीं
अखिलेश का वादा कानूनी तौर पर संभव है, लेकिन कोर्ट की मंजूरी के बिना ये आसान नहीं। आजम के केसों की जांच और कोर्ट का रुख इसकी राह तय करेगा। फिलहाल सपा समर्थक उनके ऐलान से उत्साहित हैं, लेकिन सच्चाई कोर्ट के फैसले पर टिकी है।
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