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Azam Khan आजाद! 104 केसों और भैंस-बकरी चोरी से लेकर जमीन हड़पने तक की पूरी कुंडली

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समाजवादी पार्टी (सपा) के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री आजम खान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हो गए। जमीन हड़पने, भैंस-बकरी चोरी और फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जैसे 104 मुकदमों में फंसे आजम की रिहाई ने सियासी हलचल मचा दी है। उनके बेटे अदीब और समर्थकों ने जेल के बाहर जोरदार स्वागत किया। लेकिन सवाल ये है कि वो कब तक बाहर रह पाएंगे? आइए जानते हैं उनकी कुंडली और विवादों की कहानी।

जेल का सफर: 23 महीने का संघर्ष
आजम खान की मुश्किलें 2017 में योगी सरकार बनने के बाद शुरू हुईं। फरवरी 2020 में रामपुर में पहली गिरफ्तारी हुई और सुरक्षा कारणों से उन्हें सीतापुर जेल भेजा गया। मई 2022 में 27 महीने बाद जमानत मिली, लेकिन अक्टूबर 2023 में बेटे अब्दुल्ला के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में सात साल की सजा के बाद फिर जेल जाना पड़ा। उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला को पहले जमानत मिली और अब 23 महीने बाद आजम बाहर आए हैं।

भैंस-बकरी चोरी से लेकर जौहर यूनिवर्सिटी तक
आजम पर 104 केस दर्ज हैं, जिनमें 93 सिर्फ रामपुर में हैं। सबसे चर्चित है मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय का मामला, जहां उन पर किसानों की जमीन हड़पने का आरोप है। शत्रु संपत्ति पर कब्जे और रामपुर के डूंगरपुर में गरीबों के आसरा आवास की जमीन हथियाने के भी केस हैं। एक अजीब मामला भैंस और बकरी चोरी का भी है, जिसमें आजम ने खुद पुलिस पर चोरी का केस दर्ज कराया था।

फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का विवाद
आजम, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला पर दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का आरोप है। अब्दुल्ला ने कथित तौर पर फर्जी प्रमाण पत्र से चुनाव लड़ा, जिसके चलते उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द हुई। इस मामले में तीनों को सात-सात साल की सजा मिली थी।

भड़काऊ बयानों पर बवाल
आजम अपने तीखे बयानों के लिए भी चर्चा में रहे। 2019 में पीएम मोदी और सीएम योगी के खिलाफ नफरती भाषण देने का आरोप लगा, जिसके बाद 2022 में उनकी विधानसभा सदस्यता चली गई। 

परिवार पर भी भारी केस
आजम के बड़े बेटे अदीब पर 20 और छोटे बेटे अब्दुल्ला पर 40 से ज्यादा केस हैं। तंजीम फातिमा पर 30 मामले दर्ज हैं। कुल मिलाकर परिवार पर करीब 175 केस हैं, जिनमें से सिर्फ 12 का फैसला आया है।

क्या फिर जेल जाएंगे आजम?
80 से ज्यादा केस अभी कोर्ट में हैं। अगर इनमें सजा हुई, तो आजम फिर जेल जा सकते हैं। फिलहाल सपा कार्यकर्ता उत्साहित हैं, लेकिन उनकी आजादी का भविष्य कोर्ट पर टिका है।

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