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Azam Khan आजाद मगर सियासी राह मुश्किल, 2027 में चुनाव लड़ने पर संकट, BSP की चर्चा तेज

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समाजवादी पार्टी (सपा) के दिग्गज नेता आजम खान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हो गए। मंगलवार को रिहाई के बाद उनके पुराने तेवर और शेरो-शायरी वाला अंदाज फिर दिखा। समर्थकों और मीडियाकर्मियों से बातचीत में उन्होंने खुलकर बात की, लेकिन बहुजन समाज पार्टी (BSP) में जाने की अटकलों पर चुप्पी साध ली। हालांकि, सियासी गलियारों में उनकी अगली चाल और 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका को लेकर चर्चा गर्म है। क्या आजम खान और उनका परिवार चुनावी मैदान में उतर पाएंगे? आइए जानते हैं।

जेल से रिहाई, मगर सियासत में पेंच
आजम खान 104 से ज्यादा मुकदमों में फंसे थे, जिनमें जमीन हड़पने से लेकर बकरी-भैंस चोरी तक के मामले शामिल हैं। सभी केसों में जमानत मिलने के बाद वो अब बाहर हैं। लेकिन उनकी सजा के चलते 2027 में चुनाव लड़ने की राह मुश्किल है। फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में सात साल की सजा के कारण आजम, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता रद्द हो चुकी है। कानून के मुताबिक, दो साल से ज्यादा सजा वाले व्यक्ति छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते। हालांकि, उनका दूसरा बेटा अदीब और बहू सिदरा चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं। 

BSP में जाएंगे आजम? शिवपाल ने दी सफाई
आजम के BSP में जाने की अटकलें जोरों पर हैं। लेकिन सपा नेता शिवपाल यादव ने झांसी में साफ कहा, “आजम खान सपा के साथ थे और रहेंगे। BSP की बातें अफवाह हैं।” उन्होंने दावा किया कि आजम को फर्जी केसों में फंसाया गया और सपा हमेशा उनके साथ खड़ी रहेगी। दूसरी तरफ, डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य ने तंज कसते हुए कहा, “चाहे आजम सपा में रहें या BSP में जाएं, 2027 में दोनों की हार तय है।”

रामपुर में आजम का जलवा
रामपुर में आजम खान का दबदबा रहा है। 10 बार विधायक और पूर्व सांसद रहे आजम सपा के बड़े मुस्लिम चेहरे हैं। उनकी रिहाई के बाद समर्थकों में जोश है। स्वार उपचुनाव, जो अब्दुल्ला की अयोग्यता के बाद हो रहा है, आजम के प्रभाव का इम्तिहान होगा। अगर सपा जीती, तो ये उनके दबदबे का सबूत होगा।

क्या कहता है कानून?
आजम की सजा को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। अगर सजा रद्द होती है, तो वो 2027 में चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन अभी कानूनी पेंच और 80 से ज्यादा लंबित केस उनकी राह में रोड़ा हैं। अखिलेश यादव ने वादा किया है कि सपा सरकार बनी, तो आजम के फर्जी केस वापस होंगे, मगर ये कोर्ट की मंजूरी पर निर्भर है।

आजम की रिहाई ने सपा को नई ताकत दी है, लेकिन उनकी सियासी राह आसान नहीं। BSP की अटकलों और कोर्ट के फैसलों पर सबकी नजर है। क्या आजम फिर रामपुर में जादू चलाएंगे? 2027 बताएगा।

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