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Rahul Gandhi का Bihar में मास्टरस्ट्रोक, “EBC का ‘आरक्षण बम’ फोड़कर मचाया हड़कंप, Nitish की उड़ी नींद!

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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने ऐसा दांव चला है, जिसने एनडीए और आरजेडी दोनों के पसीने छुड़ा दिए। कांग्रेस नेता ने ऐलान किया कि अगर महागठबंधन की सरकार बनी तो अति पिछड़ा वर्ग (EBC) को 36% आरक्षण दिया जाएगा। ये वादा SC और ST की तर्ज पर एक नया कानून लाने का है। बिहार में EBC का 36% वोट बैंक नीतीश कुमार का मजबूत गढ़ रहा है। राहुल का ये ऐलान क्या इस गढ़ को ढहाकर महागठबंधन को सत्ता दिलाएगा?

36% कैसे पड़ेगा 64% पर भारी?
बिहार की सियासत में EBC एक बड़ा और निर्णायक वोट बैंक है। कुल आबादी का 36% हिस्सा रखने वाला ये वर्ग पारंपरिक रूप से नीतीश कुमार और उनकी योजनाओं के साथ रहा है। राहुल गांधी का 36% आरक्षण का वादा इस वोट बैंक को महागठबंधन की ओर खींच सकता है। अगर ये EBC वोट आरजेडी के यादव-मुस्लिम (MY) वोट बैंक के साथ जुड़ गए तो महागठबंधन का वोट शेयर इतना बड़ा हो सकता है कि एनडीए को हराना मुश्किल हो जाएगा। सियासी जानकार मानते हैं कि बहुकोणीय मुकाबले में EBC का ध्रुवीकरण गेम चेंजर साबित हो सकता है।

राहुल का दांव, तेजस्वी का भविष्य
राहुल गांधी का ये ऐलान तेजस्वी यादव के लिए वरदान भी बन सकता है और चुनौती भी। अगर EBC वोटरों का बड़ा हिस्सा, खासकर 50% भी, महागठबंधन की ओर आया तो तेजस्वी बिहार के ‘सुल्तान’ बन सकते हैं। लेकिन अगर ये दांव फेल हुआ और महागठबंधन हार गया तो तेजस्वी को हार की जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी। इससे गठबंधन में उनका कद छोटा हो सकता है। राहुल का ये कदम कांग्रेस को बिहार में मजबूत कर सकता है, लेकिन इससे तेजस्वी की स्थिति गठबंधन में कमजोर भी हो सकती है।

महागठबंधन में सब ठीक? 
जब राहुल ने ‘अति पिछड़ा न्याय संकल्प’ कार्यक्रम में ये ऐलान किया, तब मंच पर तेजस्वी यादव भी मौजूद थे। इससे लगता है कि महागठबंधन में अभी सबकुछ ठीक है। लेकिन अगर नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं आए तो गठबंधन में सिरफुटव्वल की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। राहुल ने 10-सूत्रीय ‘अति पिछड़ा न्याय संकल्प पत्र’ में EBC के लिए कई बड़े वादे किए, जैसे 30% पंचायत आरक्षण, निजी संस्थानों में कोटा और जमीन का आवंटन। ये वादे EBC वोटरों को लुभाने की पूरी कोशिश हैं।[]

नीतीश का गढ़ खतरे में?
पिछले 20 सालों से नीतीश कुमार EBC वोट बैंक को अपनी योजनाओं से जोड़े रखे हैं। लेकिन राहुल का 36% आरक्षण का वादा इस गढ़ में सेंध लगा सकता है। अगर EBC का आधा वोट भी महागठबंधन की ओर खिसक गया तो एनडीए के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है। सियासी विश्लेषकों का मानना है कि ये दांव बिहार की सियासत को पलट सकता है।[]

राहुल गांधी का ये दांव बिहार चुनाव में कितना रंग लाएगा, ये अक्टूबर-नवंबर में होने वाले चुनाव बताएंगे। लेकिन इतना साफ है कि EBC वोटरों को लुभाने की ये रणनीति महागठबंधन को नई ताकत दे सकती है। क्या राहुल और तेजस्वी मिलकर नीतीश के गढ़ को ढहा पाएंगे? इसका जवाब नतीजों में छिपा है।

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