आजम खान ने सीएम योगी को भेजा पैगाम, बोले- 'दिल बहुत दुखी है....'
- Shubhangi Pandey
- 02 Oct 2025 07:48:11 PM
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हुए। जेल से बाहर आने के बाद वो लगातार मीडिया से बातचीत कर रहे हैं और तमाम राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय रख रहे हैं। इसी क्रम में आजम खान ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए भी खास पैगाम भेजा है ।
जेल से रिहाई के बाद पहला पैगाम
आजम खान ने एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में कहा कि दिल बहुत दुखी है। उन्होंने बताया कि मोहब्बतें कम हो गई हैं रिश्ते उदास हैं और लोग अपने ही वतन में डर महसूस कर रहे हैं। उन्होंने सीएम योगी के लिए कहा कि कुछ ऐसा हो जाए कि लोगों के चेहरे पर फिर खुशियां लौटें, चमन में बहारें आएं और परिंदे फिर चहचहाने लगें। आजम खान ने ये भी कहा कि लोकतंत्र में हर व्यक्ति को मुस्कुराना चाहिए, लेकिन आज लोग खौफजदा हैं। उनका मानना है कि समाज में खुशी और भरोसे की फिजा लौटनी चाहिए।
बरेली और संभल की घटनाओं पर बोले
आजम खान से जब पूछा गया कि क्या ये पैगाम बरेली और संभल में हुई घटनाओं की वजह से है, तो उन्होंने साफ किया कि ये सिर्फ एक-दो वाकया हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी कई घटनाएं हुई हैं और लोग उन्हें जानते हैं। उनका संदेश सिर्फ डर और उदासी की भावना को दूर करने का है।
अखिलेश यादव पर आजम खान का नजरिया
आजम खान ने इंटरव्यू में अखिलेश यादव के लिए भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि झगड़ा करने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि वो पार्टी का छोटा सा कार्यकर्ता पहले भी थे और अब भी हैं। आजम खान ने कहा कि वो अखिलेश यादव के पिता के दोस्त हैं और उन्हें बेटे की तरह मानते हैं। आजम खान ने कहा कि अभी वो जेल से बाहर आए हैं और बीमार हैं, लेकिन फिर भी अगर जरूरत पड़ी तो खुद जाकर उनसे मिलेंगे। उन्होंने बताया कि अगर अखिलेश यादव नहीं आ पा रहे हैं तो वो खुद जाकर उनसे मिलेंगे जैसा कि पहले भी होता रहा है।
आजम खान की रिहाई के बाद उनके ये बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए हैं। उन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों, इंसानी भावनाओं और समाज में खुशियों की जरूरत पर जोर दिया। उनका मानना है कि डर और खौफ की फिजा खत्म होनी चाहिए और लोगों के बीच भरोसा और सुकून लौटना चाहिए। उनका सीएम योगी के लिए पैगाम यह दर्शाता है कि आजम खान ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के बीच भी इंसानी भावनाओं और शांति की अहमियत को प्रमुखता दी है।
बता दें कि आजम खान की रिहाई और उनके बयान ये साबित करते हैं कि राजनीति के बीच भी इंसानियत और खुशियों की जगह महत्वपूर्ण है। उनके शब्द लोगों के दिलों में उम्मीद की किरण जगाते हैं कि समाज में फिर से मुस्कान और भरोसे की फिजा लौट सकती है।
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *
iVVrAmBtSah
dOoEuMQqnQb



