OP Rajbhar ने Anupriya Patel को क्यों लिखा पत्र? आया सूबे की राजनीति में उबाल, टेंशन में विपक्ष
- Ankit Rawat
- 04 Oct 2025 09:25:26 PM
लखनऊ में सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश की राजनीति में सोशल जस्टिस का मुद्दा गरमा दिया है। उन्होंने X पर पोस्ट करके अपना दल (एस) की अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को पत्र लिखा और उनसे मांग की है कि वो “सामाजिक न्याय समिति” और “रोहिणी आयोग” की रिपोर्टों पर स्पमष्ट रुख अपनाएं। राजभर ने कहा कि आरक्षण की असल लड़ाई अब तक अधूरी रही है और अब समय आ गया है कि पिछड़े वर्गों को उनका वास्तविक हक मिले।
27% आरक्षण का नया फॉर्मूला: 7 9 11
पत्र में राजभर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ओबीसी के लिए निश्चित 27% आरक्षण को तीन हिस्सों में बांटा जाना चाहिए ताकि हर उपवर्ग को न्याय मिले —
पिछड़ा वर्ग: 7%
अत्यंत पिछड़ा वर्ग: 9%
सर्वाधिक पिछड़ा वर्ग: 11%
उनकी दलील ये है कि इस तरह पूरा 27% लागू होगा और जाति-आधारित अड़चन भी कम होगी। राजभर का कहना है कि इसके बिना “सच्चा सामाजिक न्याय” सिर्फ वादे तक ही सीमित रहेगा।
पंचायत चुनाव से पहले रिपोर्ट लागू करने का आग्रह
राजभर ने आग्रह किया कि ये रिपोर्ट त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले लागू होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि भर्तियों और सरकारी नियुक्तियों में भी इस बंटवारे को लागू करना अनिवार्य होना चाहिए। उनकी भाषा में, ये सिर्फ एक मांग नहीं, बल्कि वंचितों की आवाज़ है। उन्होंने ये भी कह दिया, “अब तक जिन वर्गों को विकास की धारा से वंचित रखा गया, अब उनका हक मिलेगा. ये अन्याय खत्म होगा और हिस्सेदारी की नई शुरुआत होगी।”
सूबे की राजनीति में आया उबाल
राजनीतिक विश्लेषकों की नजर में राजभर की ये मांग सिर्फ सामाजिक न्याय तक सीमित नहीं है। वो इसे आगामी चुनावों में पिछड़े वर्गों के समर्थन को संगठित करने की चाल भी मानते हैं। राजभर पिछले समय से पिछड़ों, अत्यंत पिछड़ों और सर्वाधिक पिछड़ों के बीच विभाजन की राजनीति करते आए हैं। बता दें कि अगर 27% आरक्षण को तीन हिस्सों में बांटा जाए, तो सत्ता और समर्थन कहां झुकेगा ये सवाल बड़ा साबित हो सकता है।
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