भारत नहीं झुकेगा! अमेरिका के 50% टैरिफ पर शिवराज चौहान का तीखा वार
- Shubhangi Pandey
- 09 Oct 2025 03:27:50 PM
अमेरिका के भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक मजबूती भरा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आज के “अस्थिर भू‑राजनीतिक माहौल” में व्यापार और टैरिफ हथियार बन चुके हैं और भारत अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगा। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत का हित सर्वोपरि है।
चौहान ने बताया आत्मनिर्भर भारत का रोडमैप
चौहान ने कहा, “किसी की दादागिरी से डरना हमारा स्वभाव नहीं। भारत को अपना रास्ता चुनना होगा।” उन्होंने ये बात कही कि चाहे व्यापार संबंध कितने ही तनावपूर्ण हों, भारत अपनी स्वायत्तता और आत्मनिर्भरता बनाए रखेगा। उनका मानना है कि इस समय किसानों की आजीविका पर विशेष ध्यान देना जरूरी है, क्योंकि देश की लगभग 46 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। इसलिए विदेशों पर खाद्यान्न निर्भरता कम करनी होगी और देश को आत्मनिर्भर बनाना होगा।
एकतरफा टैरिफ भारतीय किसानों पर दबाव?
चौहान ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वो एकतरफा टैरिफ थोपकर भारत के किसानों और कृषि उत्पादों को दबाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने बताया कि कुछ देशों के पास बड़े खेत, सब्सिडी और जीएम बीज का लाभ है, इसलिए भारत को प्रतिस्पर्धा में पाबंदी का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने साफ कहा कि किसी भी द्विपक्षीय सौदे पर हस्ताक्षर किसानों के हितों के विरुद्ध नहीं होंगे। भारत किसानों की सुरक्षा और निहित हित को बरकरार रखेगा।
आम जनता से की अपील
इस दौरान चौहान ने जनता से आग्रह किया कि वो देशी उत्पादों को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि अगर हम अपने रोजमर्रा के उपयोग की चीजें भारत में बने उत्पादों से ग्रहण करें, तो “हाथ हमारे साथ, आत्मनिर्भरता हमारे साथ” की दिशा बढ़ेगी।
अमेरिका-भारत संबंधों में तनाव
चौहान का बयान उन दबावों के समय आया है जब अमेरिका और भारत के बीच व्यापार और कृषि उपज आयात को लेकर बहस गर्म है। ट्रंप प्रशासन ने तेल खरीद और अन्य व्यापारिक मामलों को लेकर अतिरिक्त शुल्क लागू किया है। चौहान ने कहा कि भारत नतीजा खोजेगा, समझौता नहीं करेगा और देश की आर्थिक स्वतंत्रता व आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाएगा। बता दें कि शिवराज चौहान का बयान केवल कूटनीतिक मुहावरे से ऊपर है । ये स्पष्ट संदेश है कि भारत अब किसी बाहरी दबाव या टैरिफ के बहाने अपनी संप्रभुता नहीं छोड़ेगा। चाहे आर्थिक जटिलताएं हों या व्यापारिक चुनौतियां भारत अडिग खड़ा रहेगा।
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