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Bihar Election 2025: Prashant Kishor का पॉलिटिकल गेम शुरू! जन सुराज की पहली लिस्ट से मचा सियासी भूचाल

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बिहार की सियासत में बड़ा बदलाव लाने का दावा करने वाले प्रशांत किशोर ने आखिरकार अपनी अगली चाल चल दी है। गुरुवार को जन सुराज पार्टी ने 2025 विधानसभा चुनाव के लिए 51 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। ये वो पहला मौका है जब प्रशांत किशोर की पार्टी विधानसभा चुनाव में सीधी टक्कर देने उतर रही है।

तीसरे विकल्प की तलाश में जन सुराज
प्रशांत किशोर जो पहले राजनीतिक रणनीतिकार के तौर पर काम कर चुके हैं, अब खुद एक नेता के रूप में सामने आ चुके हैं। उनका मकसद साफ है  बिहार की राजनीति में अब तक चल रही दो-दलीय प्रणाली को तोड़कर एक मजबूत तीसरा विकल्प देना। जन सुराज की ओर से जिन 51 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए गए हैं, वो अलग-अलग सामाजिक पृष्ठभूमियों से आते हैं। पार्टी का दावा है कि इन उम्मीदवारों का चयन बिना किसी जाति या पार्टी पृष्ठभूमि के, सिर्फ लोगों की पसंद और उनके काम के आधार पर किया गया है।

243 सीटों पर  मुकाबला
बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं। इनमें से 2 सीटें अनुसूचित जनजाति और 38 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। प्रशांत किशोर की पार्टी ने पहले ही साफ कर दिया था कि वो हर सीट पर अपने उम्मीदवार उतारने का इरादा रखती है। पहली सूची जारी होने के बाद साफ हो गया है कि जन सुराज इस बार सिर्फ हवा नहीं बना रहा, बल्कि पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर चुका है।

प्रशांत किशोर की दावेदारी क्यों  है खास?
प्रशांत किशोर ने राजनीति में अपने कदम रणनीतिकार के तौर पर रखे थे। 2014 से लेकर 2019 तक उन्होंने कई राज्यों और नेताओं के चुनावी कैंपेन को सफल बनाया। फिर वो खुद जनता के बीच पहुंचे और जन सुराज के नाम से एक अभियान शुरू किया। उन्होंने बिहार के सैकड़ों गांवों की पदयात्रा की और लोगों से सीधा संवाद किया। अब जब चुनाव नजदीक हैं, तो उन्होंने अपनी पार्टी को पूरी तरह एक्टिव कर दिया है और पहला बड़ा कदम उठाते हुए उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है।

बिहार चुनाव की तारीखें घोषित, बढ़ा सियासी पारा
बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे। पहले चरण में 6 नवंबर और दूसरे चरण में 11 नवंबर को मतदान होगा। नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इन तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य में चुनावी माहौल पूरी तरह से गरमा गया है। बड़े-बड़े दलों के साथ अब जन सुराज भी पूरी ताकत से मैदान में उतर चुका है।

क्या वाकई बनेगा तीसरा मोर्चा?
बिहार में अब तक मुख्य रूप से दो ही ध्रुव रहे हैं एनडीए और महागठबंधन। लेकिन जनता के बीच लगातार बढ़ रही राजनीतिक ऊब और बेरोजगारी जैसे मुद्दों ने तीसरे विकल्प की ज़रूरत को महसूस कराया है। प्रशांत किशोर इसी खाली जगह को भरने की कोशिश कर रहे हैं। अब देखना है कि उनकी पार्टी वोटरों को कितना भरोसा दिला पाती है।

बता दें कि जन सुराज की पहली सूची ने ये तो साबित कर दिया है कि पार्टी गंभीरता से चुनाव लड़ना चाहती है। प्रशांत किशोर की रणनीति, उनकी ज़मीनी पकड़ और जनता से सीधा संवाद उन्हें बाकी नेताओं से अलग बनाता है। अब देखने वाली बात ये होगी कि ये प्रयोग जनता को कितना पसंद आता है और क्या बिहार की राजनीति में वाकई कोई नया अध्याय शुरू होता है।

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