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Lucknow में Mayawati का पावर शो! कहा – “2027 में बनेगी BSP सरकार”, भीड़ देख विपक्ष के उड़े होश

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बसपा सुप्रीमो मायावती ने नौ साल बाद लखनऊ में एक विशाल रैली के जरिए राजनीति में अपनी वापसी की। कांशीराम की पुण्यतिथि पर आयोजित इस रैली में मायावती ने अपनी पार्टी की ताकत का परिचय दिया और 2027 में बहुजन समाज की सरकार बनाने का बड़ा वादा किया। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की और समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।

मायावती ने रैली में तोड़े रिकॉर्ड
अपने क्रीम रंग के सलवार सूट में नजर आईं मायावती ने समर्थकों को धन्यवाद दिया और कहा कि इस रैली में लोगों की भारी भीड़ ने पिछली सभी रैलियों के रिकॉर्ड तोड़ दिए। उन्होंने कहा कि ये भीड़ साबित करती है कि बसपा की जड़ें कितनी मजबूत और जीवंत हैं। कांशीराम की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने के बाद मायावती अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष घोषित कर आगे की पीढ़ी को नेतृत्व में लाने का संकेत दिया।

योगी की तारीफ, सपा और कांग्रेस पर तंज
मायावती ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने उन स्मारकों और पार्कों की देखरेख की जिनका निर्माण बसपा के कार्यकाल में हुआ था। इसके विपरीत मायावती ने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव पर आरोप लगाया कि सत्ता में आने पर वे कांशीराम के आदर्श भूल जाते हैं और सत्ता से बाहर आते ही याद करते हैं। साथ ही उन्होंने सपा द्वारा कांशीराम के नाम पर रखे जिले का नाम बदलने पर भी सवाल उठाया। कांग्रेस को मायावती ने 'नौटंकी पार्टी' कहा जिसने दलितों के हितों को नजरअंदाज किया।

विपक्षी दलों को दी चेतावनी
मायावती ने आजम खान और चंद्रशेखर आजाद जैसे नेताओं की सपा में शामिल होने की अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि वो पार्टी के वोटों में सेंध लगाने के लिए छोटे संगठन बना रहे हैं। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से सतर्क रहने और ऐसे दलों को वोट न देने की अपील की। उनका साफ संदेश था कि बसपा 2027 के चुनाव अकेले लड़ेगी और अपने पारंपरिक दलित आधार के साथ पिछड़े और अल्पसंख्यक वोट भी हासिल करेगी।

राष्ट्रीय मुद्दों पर मायावती का बयान
मायावती ने केंद्र सरकार के स्वदेशी नारों पर भी सवाल उठाए और कहा कि भारत को अमेरिकी टैरिफ नीतियों से सावधान रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वदेशी केवल शब्दों तक सीमित न रहे बल्कि ईमानदारी से लागू किया जाए। साथ ही हाल के पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे सुरक्षा व्यवस्था की चूक बताया।

बसपा की राजनीतिक वापसी की तैयारी
बसपा पिछले कुछ चुनावों में लगातार कमजोर हुई है। 2007 में 30.4 प्रतिशत वोट शेयर के साथ प्रमुख पार्टी रही बसपा का वोट शेयर 2022 के विधानसभा चुनाव में 12.88 प्रतिशत और 2024 के लोकसभा चुनाव में 9.35 प्रतिशत रह गया। मायावती की इस रैली का मकसद खोई हुई जमीन वापस पाना और 2027 में फिर से सत्ता में लौटना है।

बता दें कि मायावती ने अपनी राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन करते हुए साफ संदेश दिया कि बसपा 2027 में फिर से उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज होगी। उनकी नजर अब अगले चुनाव पर है और उन्होंने अपने समर्थकों को पूरी मेहनत के लिए तैयार रहने को कहा।

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