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Bihar Politics: NDA में दरार! महागठबंधन का हिस्सा बनेंगे Chirag Paswan? Gehlot के खुलासे से बढ़ी हलचल

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कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साफ कहा कि अगर चिराग पासवान महागठबंधन की विचारधारा स्वीकार लें, तो कांग्रेस उन्हें सहयोगी के रूप में जोड़ने को तैयार है। उनका मानना है कि भाजपा‑विरोधी मोर्चे को और मजबूत करना अब प्राथमिक ज़रूरत है।

गहलोत ने ये बात खास तब कही जब बिहार में गठबंधन की राजनीति गरमाई हुई है। उन्होंने कहा, “अगर चिराग हमारी विचारधारा के साथ आते हैं, तो हमें कोई आपत्ति नहीं है।” साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि गठबंधन को उन सहयोगियों को जोड़ने में झिझक नहीं करनी चाहिए जो उसकी संभावनाएं बढ़ाते हों।

“भाजपा नीतीश का दुरुपयोग कर रही है”
राजनीतिक मुद्दों पर गहलोत ने तीखी बातें रखीं। उन्होंने तेजस्वी यादव की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सेहत को लेकर जताई गई आपत्तियों को समर्थन देते हुए कहा कि भाजपा इस स्थिति का फायदा उठा रही है। गहलोत ने चेतावनी दी कि भाजपा कमजोर पड़ चुके नीतीश का “दुरुपयोग” कर सकती है और चुनाव के बाद उन्हें साइडलाइन कर सकती है। उन्होंने कहा “नीतीश अभी मुख्यमंत्री हैं, लेकिन कौन जानता है कि कल क्या होगा? राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता” । इस तरह गहलोत ने ये संदेश देने की कोशिश की है कि गठबंधन अंदर से सतर्क रहे क्योंकि हालात जल्दी बदल सकते हैं।

सीट बंटवारे को लेकर बोले गहलोत
सीट बंटवारे को लेकर गहलोत ने साफ किया कि कांग्रेस मुख्यमंत्री पद का निर्णय पार्टी आलाकमान पर छोड़ देगी। उनका कहना था कि कांग्रेस इस चुनाव में ‘जीतने लायक सीटों’ पर ही फोकस करेगी। उन्होंने कहा, “हम जूनियर पार्टनर हैं, इसलिए थोड़ा इंतज़ार करें। हम अच्छी और जीतने लायक सीटों पर ध्यान देंगे।”

गहलोत ने ये भी कहा कि सीट बंटवारे का औपचारिक फैसला अगले कुछ दिनों में आ सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि गठबंधन को अपनी रणनीति और अभियानों को मिलकर संचालित करना चाहिए जैसा यूपी में राहुल‑अखिलेश की साझेदारी ने किया।

राहुल-तेजस्वी की साझेदारी 
गहलोत ने महागठबंधन की शक्ति को राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की साझेदारी से जोड़ते हुए कहा कि इस गठबंधन की यात्रा ने बिहार में एक मजबूत लहर बना दी है। उन्होंने ये स्पष्ट किया कि महागठबंधन का मकसद 20 साल के “कुशासन” को खत्म करना है। उन्होंने भाजपा को चुनौती दी कि इस गठबंधन को हराना आसान नहीं रहेगा।

नीतिगत वादों पर उन्होंने मतदाताओं से कांग्रेस के घोषणापत्र का इंतज़ार करने की अपील की। उन्होंने ये सुनिश्चित किया कि कांग्रेस अपनी प्रतिबद्धताओं की घोषणा करेगी और सहयोगी दलों के वादों को कॉपी नहीं करेगी। तेजस्वी यादव के रोज़गार के वादे पर उन्होंने कहा कि “हमारा घोषणापत्र आ रहा है उसमें हमारी बात होगी।”

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