रेलवे होटल घोटाला: लालू यादव, राबड़ी और तेजस्वी पर आरोप तय, चुनाव से पहले बढ़ीं मुश्किलें
- Shubhangi Pandey
- 13 Oct 2025 12:55:35 PM
दिल्ली की एक स्पेशल कोर्ट ने आईआरसीटीसी (भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम) होटल घोटाले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव पर आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप तय किए हैं। यह मामला लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए हुआ, जब दो रेलवे होटलों को गलत तरीके से निजी कंपनी को सौंपा गया। कोर्ट ने कहा कि लालू यादव ने रेल मंत्री की कुर्सी पर रहते हुए पुरी और रांची के बीएनआर होटल्स की टेंडर प्रक्रिया को प्रभावित किया और उन्हें पटना की सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को सौंप दिया। यह काम जानबूझकर कुछ शर्तों को बदलकर किया गया ताकि सुजाता होटल्स को फायदा हो।
लालू ने खुद को बताया निर्दोष
कोर्ट में आरोप पढ़े जाने के बाद लालू यादव ने खुद को निर्दोष बताया और ट्रायल की मांग की। उनका कहना है कि उन्होंने कोई गड़बड़ी नहीं की है। राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर भी आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के साझा आरोप तय हुए हैं। कोर्ट ने साफ किया है कि विजय और विनय कोचर जो सुजाता होटल्स के डायरेक्टर हैं, उन्होंने लालू परिवार को जमीन के टुकड़े सस्ते दामों में दिलाने में मदद की। यह सब उसी साजिश का हिस्सा बताया जा रहा है जो 2004 से 2014 के बीच रची गई थी।
सीबीआई का आरोप
सीबीआई के मुताबिक पुरी और रांची के दो रेलवे होटलों को पहले आईआरसीटीसी को ट्रांसफर किया गया और फिर उनका संचालन, रखरखाव और देखरेख पटना की सुजाता होटल्स को दे दिया गया। इस पूरे प्रोसेस में नियमों को ताक पर रखकर मनमर्जी से टेंडर की शर्तों में बदलाव किए गए ताकि सुजाता होटल्स को फायदा मिले।
इस केस में लालू यादव के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, आईआरसीटीसी के पूर्व अफसर वी.के. अस्थाना और आर.के. गोयल, साथ ही होटल मालिक विजय कोचर और विनय कोचर को भी आरोपी बनाया गया है।
कंपनियां भी कटघरे में
सिर्फ व्यक्ति ही नहीं, दो कंपनियों को भी इस केस में आरोपी बनाया गया है। एक है डिलाइट मार्केटिंग कंपनी, जो अब लारा प्रोजेक्ट्स के नाम से जानी जाती है, और दूसरी है सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड। इन दोनों पर साजिश में शामिल होने और अवैध तरीके से फायदे उठाने का आरोप है।
चुनाव से पहले बढ़ी सियासी हलचल
बिहार में चुनावी मौसम नजदीक है और ऐसे में इस केस का ट्रायल शुरू होना राजनीतिक तौर पर बेहद अहम माना जा रहा है। तेजस्वी यादव पहले से विपक्ष के नेता हैं और लालू यादव अब भी राज्य की राजनीति में प्रभावशाली चेहरा माने जाते हैं। इस केस में आरोप तय होने के बाद राजद को सियासी तौर पर झटका लग सकता है। अब सबकी नजर कोर्ट के आगे के फैसले पर टिकी है। विस्तृत आदेश का इंतजार जारी है और जल्द ही मुकदमे की तारीखें तय हो सकती हैं।
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