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Jammu-Kashmir में 4 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव, NC के खाते में जायेंगी सभी सीटें? BJP के हाथ खाली !

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जम्मू और कश्मीर में शुक्रवार को राज्यसभा की चार सीटों के लिए चुनाव हुए। 86 विधायकों ने विधानसभा परिसर में मतदान किया और एक डाक मतपत्र की गिनती भी हुई। मतगणना शाम 5 बजे शुरू हुई। 

गठबंधन सभी 4 सीटें जीतने की ओर 
5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और राज्य के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन के बाद से यह केंद्र शासित प्रदेश से पहला राज्यसभा चुनाव है। 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और राज्य के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन के बाद से यह केंद्र शासित प्रदेश से पहला राज्यसभा चुनाव है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), कांग्रेस, पीडीपी, सीपीआई (एम), आप, एआईपी और पाँच निर्दलीय विधायकों वाले महागठबंधन के सभी चार सीटें जीतने की उम्मीद है। 

88 में से 86 उम्मीदवारों ने मतदान में लिया भाग 
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 90 सीटें हैं। जिनमें से दो सीटें उमर अब्दुल्ला के बडगाम से इस्तीफे और नगरोटा से देविंदर राणा के निधन के बाद खाली हैं। 88 विधायकों में से 86 ने मतदान में हिस्सा लिया है जबकि पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। हिरासत में लिए गए विधायक मेहराज मलिक के पोस्टल बैलेट को भी गिनती में शामिल किया गया। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार चौधरी मुहम्मद रमजान और सज्जाद किचलू को अनुमानित 57-57 वोटों के साथ पहली दो सीटें जीतने का अनुमान है जबकि भाजपा को 28 वोट मिलेंगे।

तीसरी और चौथी सीटों पर गुरविंदर सिंह ओबेरॉय, इमरान डार (एनसी) और सत शर्मा (भाजपा) संयुक्त रूप से चुनाव लड़ रहे हैं। गठबंधन विधायकों के वोट ओबेरॉय और डार के बीच बंटने की उम्मीद है। जिससे उन्हें भाजपा पर बढ़त मिलेगी जिसके उम्मीदवार को 28 वोट मिलेंगे। कांग्रेस, पीडीपी, माकपा और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से गठबंधन के पास 58 वोटों का आंकड़ा पहुंच जाता है, जिससे एनसी के चारों सीटें जीतने की प्रबल संभावना है। भाजपा को एक सीट तभी मिल सकती है जब गठबंधन विधायकों के बीच क्रॉस-वोटिंग हो। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के मतदान से दूर रहने के फैसले को किसी भी क्रॉस-वोटिंग में शामिल होने से बचने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

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