बिहारियों की मुश्किलें बढ़ीं, 12, 000 स्पेशल ट्रेनों का दावा फेल, NDA पर Rahul Gandhi ने जमकर बोला हमला!
- Ankit Rawat
- 26 Oct 2025 04:24:20 PM
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने त्योहारों के दौरान ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ को लेकर सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि नाकाम डबल इंजन सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। X पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, "ट्रेनें अपनी क्षमता से 200% तक यात्रियों को ले जा रही हैं, लोग दरवाजों और यहां तक कि छतों से भी लटके हुए हैं। 12,000 विशेष ट्रेनें कहां हैं?"
राहुल ने छठ महापर्व के लिए बिहार जाने वाले लोगों की कठिनाइयों का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार जाने वाली ट्रेनें खचाखच भरी हैं, टिकट मिलना नामुमकिन है और यात्रा अमानवीय हो गई है। हर साल हालात बदतर क्यों होते जा रहे हैं? उन्होंने लिखा "बिहार के लोग हर साल इतनी अपमानजनक परिस्थितियों में घर लौटने को क्यों मजबूर हैं? अगर उन्हें राज्य में ही रोज़गार मिल जाता, तो उन्हें हज़ारों किलोमीटर दूर नहीं जाना पड़ता। ये सिर्फ़ बेबस मुसाफ़िर नहीं, एनडीए की छल-कपट भरी नीतियों और नीयत का जीता-जागता सबूत हैं।"
देश भर में चलाई गई 12,000 से ज़्यादा स्पेशल ट्रेनों
दरअसल रेल मंत्रालय ने 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक देश भर में 12,000 से ज़्यादा स्पेशल ट्रेनों की लिस्ट जारी की थी। अब तक कुल 11,865 फेरे (916 ट्रेनें) अधिसूचित किए जा चुके हैं। जिनमें 9338 आरक्षित और 2203 अनारक्षित फेरे शामिल हैं। राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा कि ये त्योहारों का महीना है दिवाली, भाई दूज, छठ। बिहार में इन त्योहारों का मतलब सिर्फ़ आस्था ही नहीं, बल्कि घर लौटने की लालसा भी है। मिट्टी की खुशबू, परिवार का स्नेह, गांव का अपनापन। लेकिन ये लालसा अब संघर्ष बन गई है।
लालू यादव ने भी सरकार को घेरा
इस बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा कि झूठ के बेताज बादशाह और जुमलेबाज़ों के सरदार ने दावा किया था कि देश की कुल 13,198 ट्रेनों में से 12 हज़ार ट्रेनें छठ पर्व पर बिहार के लिए चलाई जाएंगी। ये भी सरासर झूठ निकला। महापर्व छठ के दौरान भी ये लोग एनडीए सरकार में 20 सालों से पलायन का दंश झेल रहे बिहारियों के लिए ठीक से ट्रेनें नहीं चला सकते। मेरे साथी बिहारी अमानवीय तरीके से ट्रेनों में यात्रा करने को मजबूर हैं। ये कितना शर्मनाक है?
लालू प्रसाद ने लिखा कि डबल इंजन सरकार की गलत नीतियों के कारण बिहार से हर साल 4 करोड़ से ज़्यादा लोग काम के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं। यूपीए सरकार के बाद से एनडीए सरकार ने बिहार में कोई बड़ा उद्योग नहीं लगाया। ये लोग बिहार विरोधी हैं।
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