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Bihar Election 2025: Yogi बनाम Akhilesh की रैली वॉर, UP नेताओं का जलवा!

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पड़ोसी राज्य बिहार में चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है। एनडीए और भारत गठबंधन के बीच मुकाबला और भी तीखा हो गया है क्योंकि उत्तर प्रदेश के दर्जनों मंत्री, सांसद और विधायक प्रचार में जुट गए हैं। बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से भाजपा 101 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रही है। भाजपा प्रचार अभियान में सबसे आगे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। उनके जोशीले भाषण और हिंदुत्ववादी अपील ने उन्हें पार्टी के सबसे लोकप्रिय प्रचारकों में से एक बना दिया है। उनके साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और कई वरिष्ठ नेता जैसे ब्रजेश पाठक, स्वतंत्र देव सिंह और महेंद्र सिंह पूरे बिहार में प्रचार कर रहे हैं। केशव प्रसाद मौर्य को सह-प्रभारी बनाया गया है और वो रोज़ाना रैलियाँ कर रहे हैं। हर नेता को अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है, जिसमें कार्यकर्ताओं को संगठित करना और ज़मीनी स्तर पर समन्वय सुनिश्चित करना शामिल है।

अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव की जोड़ी
विपक्षी दल भारत गठबंधन ने भी उत्तर प्रदेश से अपने रणनीतिकार बिहार भेजे हैं। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव 1 नवंबर से बिहार में रैलियाँ शुरू करेंगे। वो राजद नेता तेजस्वी यादव और चुनिंदा जगहों पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ मंच साझा करेंगे। दिलचस्प बात ये है कि सपा बिहार में किसी भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ रही। फिर भी अखिलेश यादव ने तेजस्वी को पूरा समर्थन दिया है जो गठबंधन में एकता का संदेश देता है। अखिलेश के साथ अफजाल अंसारी, अवधेश प्रसाद, बाबू सिंह कुशवाहा और अन्य दर्जनभर सांसद और नेता राजद और कांग्रेस उम्मीदवारों का प्रचार कर रहे हैं।

यूपी कांग्रेस बिहार में मजबूत
कांग्रेस ने यूपी से भी ताकतवर टीम भेजी है। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय स्टार प्रचारक की भूमिका निभा रहे हैं। उनके नेतृत्व में वरिष्ठ नेता अविनाश पांडे, अजय कुमार लल्लू, तनुज पुनिया और संजय कपूर प्रचार और रणनीति में जुटे हैं। अजय राय की टीम ने बिहार के 20 जिलों को यूपी की 20 जिला इकाइयों से जोड़ा है। उदाहरण के लिए वाराणसी को बक्सर, अयोध्या को पटना और कौशाम्बी को नालंदा। इस रणनीति का मकसद स्थानीय संपर्क और रसद को मजबूत करना है।

प्रचार का माहौल 
बिहार में यूपी नेताओं की सक्रियता ने चुनावी हलचल बढ़ा दी है। एनडीए और भारत गठबंधन दोनों के लिए यूपी की ताकत प्रचार अभियान में निर्णायक भूमिका निभा रही है। 2025 का बिहार चुनाव अब यूपी के बड़े नेताओं की जोड़ीदार रणनीति और स्थानीय दलों के मिलकर काम करने के दम पर और भी दिलचस्प होने वाला है।

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