बिहार के मैदान में छाए योगी, 'पप्पू-टप्पू-अप्पू' बयान से पलटी सियासत
- Shubhangi Pandey
- 05 Nov 2025 05:18:26 PM
बिहार चुनाव के पहले चरण से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐसा मुद्दा उठा दिया जिससे पूरी चुनावी हवा ही बदल गई। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के पक्ष में माहौल बनाने उतरे सीएम योगी ने विपक्ष पर तीखे हमले किए और राहुल गांधी, अखिलेश यादव व तेजस्वी यादव को अपने निशाने पर लिया। प्रचार के दौरान ‘पप्पू, टप्पू और अप्पू’ कहकर उन्होंने महागठबंधन नेताओं की तुलना गांधी जी के तीन बंदरों से कर दी। बस फिर क्या था बिहार की राजनीति का पूरा फोकस बदल गया।
बिहार में सबसे ज्यादा डिमांड में दिखे सीएम योगी
पहले चरण के प्रचार के दौरान बिहार के लगभग हर प्रत्याशी यूपी के सीएम योगी को अपने क्षेत्र में बुलाने की मांग करता दिखा। लोगों में योगी का जोश और लोकप्रियता साफ झलकती रही। योगी ने भी इसे मौके की तरह भुनाया। उन्होंने एक के बाद एक जनसभाओं में विपक्ष पर हमला बोलते हुए एनडीए सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और कहा कि बिहार में अब “डबल इंजन” की रफ्तार कोई नहीं रोक सकता।
बंदर वाले बयान से भड़का विपक्ष
योगी के ‘पप्पू, टप्पू और अप्पू’ वाले बयान के बाद विपक्ष के सुर ही बदल गए। कांग्रेस ने इसे भगवान हनुमान का अपमान बताया तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी पलटवार में बीजेपी पर तंज कसा। चुनावी माहौल में जहां विकास, बेरोजगारी और शिक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा होनी थी, वहां पूरा फोकस इस बयान पर आ गया। मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक हर जगह यही चर्चा छाई रही।
मुद्दों से हट गया चुनाव प्रचार
महागठबंधन के नेता जो पहले नीतीश सरकार की नाकामियों और अपनी योजनाओं पर बात कर रहे थे, वो अब योगी के बयान पर जवाब देने में लगे रहे। इससे एनडीए के लिए माहौल कुछ हद तक आसान होता दिखा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि योगी ने विपक्ष को फंसाने में कामयाबी पाई। उन्होंने प्रचार को मुद्दों से हटाकर भावनाओं के मैदान में खींच लिया।
यूपी की राजनीति पर भी नजर
कई जानकारों का कहना है कि सीएम योगी ने बिहार में जो प्रयोग किया, वो आगे यूपी की राजनीति में भी असर दिखा सकता है। उन्होंने दिखा दिया कि भीड़ खींचने और विपक्ष को अपने बयान से बैकफुट पर लाने की क्षमता अब भी उनके पास है। इस रणनीति को वो 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले और मजबूत कर सकते हैं।
अब सबकी निगाहें 14 नवंबर पर हैं। जब पहले चरण का रिजल्ट सामने आएगा। अगर योगी का ये दांव एनडीए के पक्ष में जाता है तो तय है कि ‘बंदर वाला बयान’ बिहार ही नहीं बल्कि यूपी की सियासत में भी लंबे वक्त तक गूंजता रहेगा।
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *



