हम पर तरस खाएं... हमारी बर्बादी का इंतजाम मत करें... दर्द में डूबे आजम खान की अखिलेश से मुलाकात
- Shubhangi Pandey
- 07 Nov 2025 06:11:11 PM
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने गुरुवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की. ये उनकी जेल से रिहाई के बाद दूसरी मुलाकात थी. आजम खान के चेहरे पर थकान और लाचारी साफ झलक रही थी. मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से जो बातें कहीं उनसे उनका दर्द और राजनीतिक बेबसी साफ दिखाई दी.
दर्द में डूबे आजम, बोले- अब और क्या सज़ा बाकी है?
मीडिया से बातचीत में आजम खान ने कहा, "इतना जुल्म सहने के बाद भी जिंदा हूं अब और क्या बाकी है?" उनकी आवाज में एक ठहराव था. जो बीते कुछ सालों की तकलीफों को बयान कर रहा था. जब उनसे पूछा गया कि अखिलेश यादव से क्या बात हुई तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, "वो नहीं बताऊंगा." उनके इस जवाब में भी सियासत की थकान झलक रही थी.
बिहार न जाने पर बोले आजम खान
जब उनसे पूछा गया कि वो बिहार चुनाव में प्रचार के लिए क्यों नहीं गए तो उन्होंने कहा, “बिहार में जंगलराज है. वहां जाने के लिए जो सुरक्षा चाहिए, वो मेरे पास नहीं है.” ये जवाब सिर्फ सुरक्षा की बात नहीं थी बल्कि उनके मन की हालत का भी इशारा था. उन्होंने साफ कहा कि अब वो खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करते.
तेजस्वी के बयान पर भी जताई नाराज़गी
तेजस्वी यादव के असदुद्दीन ओवैसी पर की गई टिप्पणी पर आजम खान ने तंज कसा और कहा, "सबको मेरे से सबक लेना चाहिए. क्यों बेवजह नफरत की दुकान सजाना. मेरे तनखैये वाले बयान पर जेल हो सकती है. मुर्गी चोरी पर सजा सुनाई जा सकती है. तो ऐसे बयान देने से बचना चाहिए." उन्होंने बिना किसी का नाम लिए इशारों में राजनीति में बढ़ती कटुता और बदले की भावना पर भी सवाल उठाए.
पुराने दिनों की याद में पहुंचे आजम
आजम खान ने कहा कि वो अखिलेश यादव के पास पुराने लम्हों को याद दिलाने आए थे. उन्होंने बताया कि जांच एजेंसियों ने उनके और उनके परिवार के साथ जैसा सलूक किया वो अब भी भूले नहीं हैं. उनका कहना था कि वो अपनी बेबसी और दर्द बयान करने आए थे. इस उम्मीद में कि शायद पार्टी फिर से उन्हें अपना समझे.
राजनीति से दूरी, लेकिन चर्चा में बरकरार
भले ही आजम खान अब खुले तौर पर राजनीति में एक्टिव नहीं दिख रहे. लेकिन उनके बयान अभी भी सुर्खियां बन जाते हैं. सपा से जुड़ाव और अपने पुराने दिनों की याद उन्हें बार-बार खींच लाती है. इस बार भी उनकी मुलाकात में वही दर्द झलका “हम पर तरस खाएं... हमारी बर्बादी का इंतजाम मत करिए.”
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