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SIR के सहारे चुनावी तैयारी में जुटी सपा, 10 नवंबर को अखिलेश यादव बुलाने जा रहे बड़ी रणनीतिक बैठक

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समाजवादी पार्टी (SP) 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले अब पूरी तैयारी में जुट गई है। पार्टी 10 नवंबर को लखनऊ में अब तक की सबसे बड़ी बैठक करने जा रही है। इसमें पूरे उत्तर प्रदेश के जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष शामिल होंगे। बैठक का मकसद है SIR (एसआईआर) के जरिए पार्टी को ज़मीनी स्तर पर मजबूत करना और कार्यकर्ताओं को एकजुट कर आक्रामक चुनावी रणनीति बनाना।

लखनऊ में सपा की बड़ी बैठक
समाजवादी पार्टी ने 10 नवंबर को लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग स्थित मुख्यालय में सभी जिलाध्यक्षों और महानगर अध्यक्षों को बुलाया है। पार्टी इस बैठक में एक स्पेशल ट्रेनिंग कैंप भी आयोजित करने जा रही है। यहां कार्यकर्ताओं को SIR के जरिए संगठन को कैसे मजबूत किया जाए, ये सिखाया जाएगा। पार्टी चाहती है कि हर बूथ तक सपा का संदेश पहुंचे और कोई भी वोट कटने न पाए। इस कैंप में सभी नेताओं को ग्राउंड लेवल पर काम करने के तरीके बताए जाएंगे ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को अधिकतम फायदा मिल सके।

SIR के ज़रिए सपा की नई रणनीति
SIR यानी Social Information and Response को लेकर समाजवादी पार्टी एक संगठित अभियान शुरू करने जा रही है। इसके जरिए पार्टी हर कार्यकर्ता से सीधा जुड़ाव बनाएगी और जनता के बीच अपनी बात पहुंचाएगी। सपा मानती है कि SIR उसके लिए चुनावी तैयारी का सबसे बड़ा हथियार साबित हो सकता है। पार्टी के प्रवक्ता फखरूल हसन ने बताया कि “सपा एसआईआर और पीडीए को लेकर पूरी तरह सतर्क है। हमारा मकसद है कि पीडीए के वोट न कटने पाएं। अखिलेश यादव खुद बैठक में मौजूद रहेंगे और सभी को आगे की रणनीति बताएंगे।”

2027 चुनाव का बिगुल बजाने की तैयारी
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि समाजवादी पार्टी की ये बैठक सिर्फ संगठन की मजबूती नहीं, बल्कि 2027 के चुनावी बिगुल फूंकने का इशारा भी है। अखिलेश यादव चाहते हैं कि सपा इस बार चुनाव मैदान में पहले से ज़्यादा आक्रामक तेवर में उतरे। जानकारों का कहना है कि “SIR के ज़रिए सपा खुद को चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार कर लेगी। ये बैठक उस दिशा में पहला कदम है।”

हर बूथ तक सपा का संदेश पहुंचाने का लक्ष्य
सपा की योजना है कि SIR के माध्यम से पार्टी की नीतियां और संदेश हर बूथ तक पहुंचें। पार्टी चाहती है कि संगठन की एकता और मतदाताओं का भरोसा दोनों कायम रहे। 10 नवंबर की ये बैठक सपा के लिए सिर्फ एक मीटिंग नहीं बल्कि 2027 की जंग का ट्रेलर मानी जा रही है। अखिलेश यादव का पूरा ध्यान अब संगठन को ज़मीनी स्तर पर मजबूत करने और हर वोट को साधने पर है। कहा जा सकता है कि सपा की SIR रणनीति 2027 की राह में उसकी सबसे बड़ी चुनावी तैयारी साबित हो सकती है।

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