मुस्लिम बहुल इलाकों में RJD को बड़ा झटका, AIMIM-JDU-BJP ने तोड़ा पारंपरिक वोट बैंक
- Shubhangi Pandey
- 14 Nov 2025 06:26:58 PM
मुस्लिम बहुल इलाकों में इस बार बिहार चुनाव का समीकरण पूरी तरह बदल गया. RJD जिन सीटों को हमेशा अपनी मजबूत जमीन मानती थी, वहां इस बार तस्वीर उलट गई. AIMIM, जेडीयू और बीजेपी तीनों ने अलग-अलग क्षेत्रों में RJD के पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लगा दी. कई जगहों पर मुकाबला सीधा ना होकर तीन से चार दलों के बीच पहुंच गया. नतीजा ये हुआ कि RJD कई सीटों पर तीसरे और चौथे नंबर तक फिसल गई.
AIMIM ने तोड़ा RJD का कोर वोट बैंक
जिन इलाकों में AIMIM की पकड़ मजबूत रही, वहां मुस्लिम वोट सीधे उसी के पाले में गया. पूर्णिया की बायसी सीट इसका बड़ा उदाहरण है. यहां AIMIM के गुलाम सरवर पहले नंबर पर रहे. BJP के विनोद कुमार दूसरे पर और RJD के अब्दुल सुभान तीसरे पर चले गए. यह साफ संकेत देता है कि मुस्लिम वोट AIMIM की ओर खिसक गया. दरभंगा की केवटी सीट पर भी कुछ ऐसा ही हुआ. BJP के मुरारी मोहन झा आगे और AIMIM के अनिसुर रहमान दूसरे स्थान पर रहे. RJD के फराज फातिमी तीसरे नंबर पर पहुंच गए.
त्रिकोणीय मुकाबलों ने बिगाड़ी RJD की राह
जोकीहाट में मुकाबला सबसे दिलचस्प रहा. AIMIM के खुर्शीद आलम पहले, जेडीयू के मंजर आलम दूसरे और जन सुराज के सरफराज आलम तीसरे स्थान पर रहे. RJD के शाहनवाज आलम चौथे नंबर पर चले गए. यहां परिवारवाद भी कोई फायदा नहीं दे पाया. सरफराज और शाहनवाज दोनों पूर्व सांसद तस्लीमुद्दीन के बेटे हैं, फिर भी जनता ने उन्हें नहीं चुना. ठाकुरगंज में फिर वही पैटर्न दिखा. AIMIM के गुलाम हुसैन आगे रहे. दूसरे स्थान पर जेडीयू-BJP के संयुक्त उम्मीदवार और तीसरे पर RJD के सऊदी आलम.
जेडीयू-BJP ने कई इलाकों में मजबूत पकड़ दिखाई
सिमरी बख्तियारपुर में RJD के युसूफ सलाउद्दीन LJP के संजय सिंह से पीछे रहे. कांटी में RJD के इसराइल मंसूरी जेडीयू के अजीत कुमार से पिछड़ गए. यही हाल कई और सीटों पर देखने को मिला. गोरिया कोठी, समस्तीपुर, नरकटिया, ढाका और सुरसंड में भी RJD पिछड़ गई. कोचाधामन में AIMIM पहले, RJD दूसरे और BJP तीसरे स्थान पर रही. प्राणपुर में BJP की निशा सिंह आगे और RJD की इशरत परवीन पीछे. नाथ नगर में LJP के मिथुन कुमार ने बढ़त बनाई और RJD दूसरे स्थान पर रही. जमुई में BJP की श्रेयसी सिंह भारी बढ़त में हैं और RJD दूसरे नंबर पर रही.
RJD को दोनों दिशाओं से चोट
मुस्लिम बहुल इलाकों में AIMIM ने एक तरफ से RJD के वोट बैंक को खींचा. दूसरी तरफ जेडीयू-BJP के स्थानीय समीकरणों ने उनकी स्थिति और कमजोर कर दी. कुल मिलाकर RJD को उन इलाकों में बड़ा नुकसान हुआ जहां वो पहले बेहद मजबूत मानी जाती थी.
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